दावोस से लौटे कमलनाथ ने कहा, "हम भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ी मप्र की वैश्विक पहचान बदलेंगे"

इंदौर, 25 जनवरी (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की दावोस में आयोजित 50वीं सालाना बैठक में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश लौटे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार की रात इस बात को दु:खद बताया कि दुनिया में कुछ लोग आज भी राज्य की पहचान को राजधानी भोपाल में वर्ष 1984 में हुई भीषण गैस त्रासदी से जोड़कर देखते हैं। कमलनाथ ने यहां एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान कहा, “दावोस में डब्ल्यूईएफ की बैठक के दौरान एक व्यक्ति ने मेरे गले में टंगा बैज देखा जिस पर “मध्यप्रदेश, भारत” लिखा था। उसने मुझे रोक कर पूछा कि क्या मध्य प्रदेश वही जगह है, जहां भोपाल गैस कांड हुआ था?” मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर भोपाल गैस कांड के इतने साल बाद भी दुनिया में हमारे सूबे की पहचान इस औद्योगिक हादसे से जुड़ी है, तो यह दु:खद है।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस पहचान को बदलने के लिये विकास के नये नजरिये के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम कृषि क्षेत्र में क्रांति लाकर किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाना चाहते हैं, ताकि बाजारों में आर्थिक गतिविधियों में इजाफा हो सके।” कमलनाथ ने कहा कि उनका सपना है कि मध्य प्रदेश की तुलना देश के पिछड़े राज्यों के बजाय महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे विकसित सूबों से हो। कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने अपनी दावोस यात्रा को सफल बताया। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूईएफ की बैठक में कई निवेशकों और उद्योगपतियों से चर्चा के बाद मुझे विश्वास है कि सूबे में बड़ा निवेश आयेगा। हम प्रदेश में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), रोबोटिक्स जैसे नये क्षेत्रों में भी निवेश लाने का प्रयास कर रहे हैं।” राज्य में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की मांग पर कमलनाथ ने कहा, “हम सभी संबंधित पक्षों से चर्चा के बाद सहमति बनाते हुए राज्य में (पुलिसिंग का) सबसे अच्छा तंत्र लागू करेंगे।” मीडिया से बातचीत से पहले, मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राज्य सरकार के नये प्रयोग के तहत “द्वार प्रदाय सेवा” का शुभारंभ किया। इसके तहत ऑनलाइन आवेदन करने वाले नागरिकों को आय का प्रमाण पत्र, स्थानीय निवास का प्रमाण पत्र और खसरा-खतौनी की नकल जैसे दस्तावेज घर बैठे मिल सकेंगे।

Source: Madhyapradesh

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