डिस्क्लेमर संग गवर्नर ने पढ़ा CAA विरोधी पैरा

तिरुवनंतपुरम
केरल के राज्यपाल ने राज्य विधानसभा में आखिरकार अपने अभिभाषण का वह विवादित पैरा भी पढ़ा, जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को ‘असंवैधानिक’ और ‘भेदभावपूर्ण’ बताया गया था। हालांकि, इसे पढ़ने से पहले उन्होंने यह साफ किया कि वह मानते हैं कि यह सरकार की नीतियों और योजनाओं के अंतर्गत नहीं आता है।

राज्यपाल ने भाषण के इस हिस्से को पढ़ने से पहले डिस्क्लेमर देने के अंदाज में कहा कि वह सीएए का विरोध करने वाले इस पैरा को पढ़ने जा रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ऐसा चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मेरा ऐसा मानना है कि यह सरकार की योजनाओं और नीतियों के अंतर्गत नहीं आता है लेकिन बीते दिनों मेरी सीएम से इसे लेकर पत्राचार के माध्यम से बातचीत हुई।’ उन्होंने कहा कि सीएम ने उनसे कहा कि यह प्रदेश सरकार का दृष्टिकोण है इसलिए मैं उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए इसे पढ़ रहा हूं।

पैरा 18 को पढ़ने से किया था इनकार
बता दें कि इससे पहले राज्यपाल ने कैबिनेट द्वारा पारित राज्यपाल के अभिभाषण के उस हिस्से को सदन में पढ़ने से इनकार कर दिया था जिसमें सीएए को असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताया गया था। राज्यपाल ने सीएम से इसे लेकर स्पष्टीकरण भी मांगा था, जिस पर जवाब देते हुए सीएम कार्यालय ने उन्हें चिट्ठी लिखकर कहा कि कैबिनेट द्वारा पास किए गए अभिभाषण को राज्यपाल को बिना बदलाव के पढ़ना चाहिए।

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सदन में अभिभाषण के इस विवादित पैरा को पढ़ते हुए राज्यपाल ने साफ किया कि यह सरकार का पक्ष है। उन्होंने भाषण पढ़ते हुए कहा, ‘हमारी नागरिकता कभी धार्मिक आधार पर नहीं हो सकती। यह भारत के संविधान के आधारभूत तत्वों में शामिल पंथ निरपेक्षता के खिलाफ है। केरल सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के विरोध में रिजॉल्युशन पास किया है और केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की अपील की है।’

सदन में हंगामा
गौरतलब है कि बुधवार को केरल विधानसभा का बजट सत्र भारी हंगामे के साथ शुरु हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सदन में विपक्षी दल के विधायकों ने केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने ‘रिकॉल’ गवर्नर के पोस्टर भी लहराए और उनका रास्ता भी रोकने की कोशिश की। विधायकों का हंगामा शांत होने के बाद राज्यपाल ने अपना भाषण पढ़ा।

राज्यपाल, सरकार पर भड़का
विपक्ष
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने राज्यपाल के अभिभाषण को सदन का उपहास बताया। उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा ने सीएए के खिलाफ एक रिजॉल्युशन पास किया। इसके हवाले से राज्यपाल का केंद्र सरकार से अपील करना कि वह सीएए को वापस ले, सदन का उपहास करने जैसा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की तरह काम कर रहे हैं और वह आरएसएस और बीजेपी के एक टूल भर हैं।

रमेश ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी सीपीएम और राज्यपाल के बीच एक गुप्त समझौता है। यह उसी का सबूत है। उन्होंने कहा कि सीएम लवलीन करप्शन केस में शामिल हैं, जिसकी अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में वह इस मामले में केंद्र सरकार की मदद चाहते हैं। वहीं, सदन के बाहर जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से भीतर उनके खिलाफ यूडीएफ विधायकों के प्रोटेस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जब मैं असेंबली का सदस्य था तब मैंने इससे भी खराब चीजें देखी हैं।’

Source: National

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