विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद विंडीज दौरे पर वनडे और टेस्ट में खेले थे। इस दौर पर उन्हें चोट लगी और वह फिर लंबे समय के लिए बाहर हो गए। बुमराह ने वापसी की इस साल श्रीलंका के खिलाफ खेली गई तीन मैचों की टी-20 सीरीज में।
अभी बुमराह न्यू जीलैंड दौरे पर गई भारतीय टीम का हिस्सा हैं। वापसी के बाद वह छह टी-20 और तीन वनडे खेल चुके हैं यानी कुल मिलाकर नौ मैच और इन नौ मैचों में उन्होंने विकेट लिए हैं सिर्फ पांच। ये आंकड़े बुमराह की ख्याति के अनुरूप नहीं हैं। अपने करियर की शुरुआत से लेकर विश्व कप तक बुमराह वो गेंदबाज थे जो टीम को शुरुआती ओवरों में सफलता दिलाते थे और फिर डेथ ओवरों में रनों पर अंकुश लगाने के साथ विकेट भी निकालते थे। लेकिन वापसी के बाद उनका यह रूप खोता दिखा है।
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ताजा उदाहरण बुधवार को हैमिल्टन में न्यू जीलैंड के खिलाफ हुए तीसरे टी-20 मैच का। मैच सुपर ओवर में मैच गया और कप्तान विराट कोहली ने अपने बुमराह पर भरोसा दिखाया। बाएं हाथ का यह गेंदबाज भरोसे पर खरा नहीं उतर सका और 17 रन खा गए।
इस मैच में अगर न्यू जीलैंड पारी की बात करें तो भी बुमराह बेहद महंगे साबित हुए थे। उन्होंने चार ओवरों में 45 रन दिए थे लेकिन विकेट नहीं निकाल पाए थे। इस मैच में बुमराह ने पांच ओवरों में 62 रन दिए। ऐसा लग रहा है कि बुमराह की धार कुंद हो रही है। छह टी-20 मैचों में बुमराह ने सिर्फ चार विकेट लिए हैं। बुमराह ऐसे गेंदबाज कहे जाते थे कि जो अगर विकेट न निकाल पाए तो रनों पर अंकुश जरूर लगाता है लेकिन यहां भी वह निराश करते दिख रहे हैं।
वापसी करते हुए श्रीलंका के खिलाफ खेले गए पहले मैच में उन्होंने आठ की औसत से रन लुटाए थे। न्यूजीलैंड दौरे पर ही पहले टी-20 में उन्होंने 7.25 की औसत से रन दिए थे। तीसरे मैच में भी वह रनों पर अंकुश नहीं लगा पाए थे।
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वहीं अगर वनडे की बात करें तो श्रीलंका के खिलाफ खेली गई टी-20 सीरीज के बाद भारत ने अपने घर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली थी। यहां तीन मैचों में वह सिर्फ एक विकेट ले सके थे। पहले मैच में उन्होंने 7.14 की औसत से रन दिए थे। हालांकि बाकी के दो मैचों में वह कसी हुई गेंदबाजी करने में सफल रहे थे, लेकिन विकेटों का कॉलम खाली रहा था।
न्यू जीलैंड में वह जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं उसमें पुराने बुमराह की वो छवि नहीं दिख रही है जो कप्तान के विश्वास पर खरा उतरता था। तेज गेंदबाज चोट से आमतौर पर परेशान रहता है और यही चोटें उसके करियर को भी खत्म कर देती है। विश्व क्रिकेट में ऐसे कई उदाहरण हैं। उम्मीद है कि बुमराह यहां से अपने प्रदर्शन में पुराना पैनापन लाएं और करियर को गर्त में जाने से बचा पाएं।
Source: Sports