अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। फिलहाल उन्हें मथुरा जेल में रखा गया है। सिविल लाइंस के क्षेत्राधिकारी अनिल समानिया ने शनिवार को बताया कि डॉ. कफील खान को शुक्रवार देर शाम यहां लाया गया और रिमांड मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। मजिस्ट्रेट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
डॉ. कफील खान को पहले अलीगढ़ जेल भेजा गया लेकिन घंटे भर के अंदर ही मथुरा जेल ट्रांसफर कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि कफ़ील पर विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 14 दिसंबर को हुए प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। खान को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। यह मुंबई पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त कार्रवाई थी। उसके बाद उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाया गया।
153-ए के तहत दर्ज हुआ था केस
डॉ. कफील के ऊपर आईपीसी की धारा 153-ए के तहत सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा गया था कि छात्रों को संबोधित करने के दौरान डॉ. कफील ने बिना नाम लिए कहा कि ‘मोटाभाई’ सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं लेकिन इंसान बनना नहीं।
2017 में बच्चों की मौत के मामले में हुए थे सस्पेंड
डॉ. कफील ने आगे कहा कि जब से आरएसएस का अस्तित्व हुआ है, उन्हें संविधान में भरोसा नहीं रह गया। कफील ने कहा कि सीएए मुस्लिमों को सेकंड क्लास सिटिजन बनाता है और एनआरसी लागू होने के साथ ही लोगों को परेशान किया जाएगा। गौरतलब है कि कफील खान को 2017 में बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में सस्पेंड कर दिया गया था।
Source: International