पिता की हुई मौत, फिर भी बनाते रहे बजट

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
बजट की छपाई का काम कितना मुश्किल और जटिल होता है, इसको करने के लिए कितनी दृढ़शक्ति की जरूरत होती है, इसका प्रमाण दिया डिप्टी मैनेजर (प्रेस) कुलदीप शर्मा ने। वह बजट छपाई की ड्यूटी पर लगे रहे, जबकि बजट ड्यूटी पर जाने के बाद 26 जनवरी को उनके पिता का देहांत हो गया।

शर्मा बजट छपाई के दौरान तय नियमों को पालन करने की इच्छाशक्ति को जताते हुए अपने घर नहीं गए। उन्होंने कहा कि बजट की छपाई का काम पूरा होने के बाद ही वह घर जाएंगे। वित्त मंत्रालय ने शर्मा की कर्मठता और कर्तव्य निर्वहन की भावना को सलाम किया।

बजट की छपाई नार्थ ब्लॉक में होती है। हलवा सेरिमनी के बाद छपाई कार्य में लगे कर्मचारी तब तक बाहर नहीं आते, जब तक कि बजट भाषण पूरा नहीं हो जाता।

Source: National

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