DefExpo: 'रक्षा उत्पादों का निर्यात करेगा भारत'

लखनऊमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2020 भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित होगा। अब भारत रक्षा उत्पादों का आयात ही नहीं निर्यात भी करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के अनुरूप देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश होगा, जो अपने देश में निर्मित यात्री विमान का उपयोग करेगा। एचएएल द्वारा निर्मित 19 सीटर दो विमान लखनऊ से वाराणसी, लखनऊ से बरेली और लखनऊ से आगरा तक उड़ान भरेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित डिफेंस एक्सपो के कर्टन रेजर कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या, कुशीनगर और वाराणसी में इंटरनेशनल ऐयरपोर्ट का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस एक्सपो का उद्घाटन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि डिफेंस क्षेत्र में निवेश के लिए उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। हमने डिफेंस कॉरिडोर की पूरी तैयारी कर ली है। हमारे पास 25 हजार एकड़ लैंड बैंक है। जो डिफेंस कॉरिडोर के लिए चयनित 6 नोड्स के आस-पास ही है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इसी माह 29 फरवरी को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का हम शिलान्यास करने जा रहे हैं। जो बुंदेलखंड की अर्थव्यवस्था की बैकबोन बनेगा उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो गंगा एक्सप्रेस-वे को हम हरिद्वार तक ले जाएंगे। वैसे हमारी मंशा है कि यह एक्सप्रेस-वे जहां से गंगा जी उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती हैं, और जहां से उत्तर प्रदेश से बिहार में प्रवेश करती हैं, वहां तक जाए।

वैश्विक संबंधों का सूत्रधार बनने जा रहा है उत्तर प्रदेश: राजनाथ
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डिफेंस एक्सपो का मुख्य उद्देश्य अपने देश को सुदृढ, सशक्त और समृद्धशाली बनाना है। आज लखनऊ में कई महीनों की मेहनत अपना स्वरूप ले रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह डिफेंस एक्सपो की तैयारी की है उसके लिए मै मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जितना हमने सोचा था उससे भी बड़ा ये एक्सपो हो रहा है। एक्सपो से हमें तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी को समझने का मौका मिलेगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत जैसा विशाल देश इंपोर्टेड आर्म्स पर ज्यादा दिन तक निर्भर नहीं रह सकता है । यह इवेंट हमे अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सबसे ज्यादा मदद करेगा। यह इवेंट एक ग्लोबल बेंचमार्क के रूप में सामने आएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश वैश्विक संबंधों का सूत्रधार बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में तेजी से बदल रही तकनीक को जानने, समझने और उससे जुड़ने के लिए डिफेंस एक्सपो-2020 एक महत्वपूर्ण आयोजन है। उन्होंने कहा कि हम भारत को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के रूप में तैयार कर रहे हैं और इसके लिए डिफेंस एक्सपो उचित प्लेटफॉर्म साबित होगा। मेक इन इंडिया को प्रमोट करने के लिए भी यह आयोजन सहायक होगा।

200 से ज्यादा एमओयू साइन होने की उम्मीद
रक्षा मंत्रायल के जॉइंट सेक्रटरी डॉ अमित सहाय ने बताया कि ‘रक्षा का डिजिटल परिवर्तन’ टैग लाइन पर आधारित एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी डिफेंस एक्सपो 2020 में 1028 कंपनियां भाग ले रही हैं। जिसमें 272 कम्पनियां विदेशी हैं। इस प्रदर्शनी में 500 बी 2 बी मीटिंग होगी। जिसमें 200 से ज्यादा एमओयू साइन होने की उम्मीद है। ‘इंडिया अफ्रीका डिफेन्स मिनिस्टर कॉन्क्लेव’ आयोजित होगा, 15 अफ्रीकी देशों के रक्षामंत्री इसमें शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि 6 फरवरी को ‘इंडिया रशिया इंडस्ट्रियल मिलिट्री कॉन्फ्रेंस’ होगी। जिसमें रशिया के उद्योगमंत्री और भारत के रक्षामंत्री रहेंगे। इसमें 5 एमओयू साइन होने की उम्मीद है। डॉ सहाय ने बताया कि एक्सपो में बने इंडिया पवेलियन में 80 कम्पनियों के 190 उत्पाद दिखाए गए हैं। वहीं यूपी पवेलियन डिफेंस कॉरिडोर में संभावनाओं को दर्शाया गया है।

Source: National

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