मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के बाद अब घड़ियाल स्टेट का तमगा मिला

भोपाल, चार फरवरी (भाषा) मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के बाद अब घड़ियाल स्टेट का दर्जा हासिल हो गया है। दरअसल प्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी पर बने घड़ियाल अभ्यारण्य में घड़ियालों की संख्या बढ़कर 1255 हो गई है। मध्य प्रदेश को पिछले साल 526 बाघों के साथ ही जहां एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था, वहीं अब राज्य को जलीय जीव के संरक्षण और संवर्धन के मामले में भी बड़ी उपलब्धि मिली है। प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने मंगलवार को ‘भाषा’ को बताया, ‘‘वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार चंबल नदी में 1255 घड़ियाल पाए गए हैं। वहीं बिहार की गंडक नदी में 255 घड़ियाल मिले हैं।’’ मुरैना के जिला वन मंडल अधिकारी पी. डी. ग्रेवियल ने दावा किया, ‘‘विभागीय गणना में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताई गई संख्या से भी ज्यादा घड़ियाल मध्य प्रदेश में पाए गए हैं। विभागीय गणना के अनुसार घड़ियालों की संख्या 1876 है।‘‘ ज्ञात हो कि दुनिया में घड़ियालों की संख्या में अस्सी के दशक में भारी कमी आई थी और तब केवल 200 घड़ियाल ही बचे थे। उस समय देश में 96 और चंबल में घड़ियालों की संख्या 46 आंकी गई थी। उसके बाद मुरैना जिले में चंबल नदी के 435 किलोमीटर क्षेत्र को चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य घोषित किया गया था। चंबल नदी मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बहती है। ग्रेवियल ने बताया, ‘‘चंबल नदी में घड़ियालों की वृद्धि में बड़ी वजह देवरी ईको सेंटर है। यहां घड़ियाल के अंडे लाए जाते हैं और उनसे बच्चे निकलने के बाद उनका लालन पालन किया जाता है। जब उनकी आयु तीन साल हो जाती है, तब उन्हें चंबल नदी में छोड़ दिया जाता है। हर साल लगभग 200 घड़ियाल को ग्रो एंड रिलीज कार्यक्रम के तहत चंबल नदी में छोड़ा जाता है’’ उन्होंने बताया कि दुनिया में नेपाल, बांग्लादेश और भारत सहित कुछ ही देश हैं, जहां घड़ियाल पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि घड़ियालों के संरक्षण और संवर्धन के चंबल नदी में किए जा रहे काम के नतीजे सामने हैं। इस उपलब्धि पर राज्य के वन मंत्री उमंग सिंघार ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, ‘‘यह उपलब्धि अधिकारियों के परिश्रम का नतीजा है। घड़ियाल देश से विलुप्त होने के कगार पर थे, किंतु राज्य में किए गए अथक प्रयासों से घड़ियाल को विलुप्त होने से न केवल बचाया है, बल्कि मध्यप्रदेश में सर्वाधिक घड़ियाल होने की उपलब्धि भी हासिल की है। मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के साथ घड़ियाल स्टेट भी बन गया’’

Source: Madhyapradesh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *