फरार चल रहे इनामी बदमाश ने फेसबुक पर डाली पोस्ट, पूर्व पुलिस अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप

शादाब रिजवी, मेरठ
पुलिस हिरासत से फरार चल रहे ढाई लाख के इनामी बदमाश ने यूपी के एक पूर्व सीनियर पर क्राइम सिंडिकेट में शामिल रहने का आरोप लगाया है। आरोपी की कथित फेसबुक प्रोफाइल से रिटायर्ड अधिकारी पर केबल कारोबार के काले धंधे में लिप्त रहने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इस पोस्ट को लेकर फेसबुक मुख्यालय से आरोपी की लोकेशन संबंधी रिपोर्ट मांगी है।

पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी बदन सिंह की फेसबुक प्रोफाइल 11 महने बाद एकाएक अपडेट हुई है। पिछले साल मार्च में पुलिस कस्टडी से फरार हुए बद्दो ने खुद की लोकेशन नीदरलैंड में बताई है। बद्दो ने फेसबुक पर मेरठ के केबल कारोबार का भी जिक्र किया है। इसमें यूपी के एक पूर्व सीनियर पुलिस अधिकारी का भी नाम है, जो रिटायरमेंट के बाद मौजूदा सरकार में उच्च पद पर आसीन रहे। बद्दो की फेसबुक के मुताबिक, वेस्ट यूपी-उत्तराखंड के केबल कारोबार पर पूर्व पुलिस अफसर का कब्जा है। इससे वह हर महीने 6-7 करोड़ रुपये कमाते हैं। अफसर पर और भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

पुलिस ने फेसबुक के कैलिफोर्निया मुख्यालय से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है। पुलिस ने आईपी अड्रेस, जिस नंबर से आईडी ऐक्टिव हुई या मोबाइल नंबर इत्यादि के संबंध में जानकारी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक की पुलिस जांच में सामने आया है कि यह आईडी बद्दो की ही पुरानी है। फरारी के बाद भी इस फेसबुक को किसी ने काफी दिन अपडेट किया था। ऐसा माना जा रहा था कि बद्दो के बेटे सिंकदर ने फेसबुक को तब ऑपरेट किया था।

अधिकारी यह मान रहे हैं कि फिलहाल फेसबुक अपडेट करते वक्त बद्दो ने खुद की लोकेशन शेयर नहीं की। प्रोफाइल में मूव्ड नीदरलैंड लिखा है। फिलहाल वह कहां है, यह साफ नहीं हैं। गौरलब है कि पुलिस मानती रही है कि बद्दो फरारी के बाद देश में ही है, उसके पंजाब में होने का शक है। एडीजी मेरठ का कहना है कि बदन सिंह बद्दो की फेसबुक अपडेट की जांच कर और पोस्ट के पीछे का मकसद पता कर खुलासा किया जाएगा।

आरोपी की कथित फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि सरकार में रहकर संगठित अपराध करने वाले जेल नहीं जाते। इस बड़े पूर्व पुलिस अफसर का यूपी और उत्तराखंड़ के केबल कारोबार पर 2003 से अधिकार है। उन्होंने लिखा, ‘इस कारोबार से उनको 6-7 करोड़ रुपये हर महीने मिलते हैं। उनका केबल कारोबार मेरठ का एक व्यकित संभालता है। 2002 में 10 रुपये रोज पर विडियो सीडी बेचने वाले यह व्यक्ति आज इस पूर्व पुलिस अफसर की वजह से कई सौ करोड़ का मालिक हे।

पोस्ट में आरोप लगाते हुए लिखा, ‘पूर्व पुलिस अफसर ने यूपी के एक बड़े माफिया को 2003 में 25 फीसदी हिस्सेदारी दे दी थी। इस माफिया ने छोटे केबल कारोबारियों की हत्या करा दी। जिन कारोबारियों की हत्या नहीं करा पाए उनपर पुर्व पुलिस अफसर ने पुलिस से फर्जी केस लगवाकर फेक एनकाउंटर करा दिए। बाद में उस माफिया को कचहरी में पूर्व पुलिस अफसर ने 2005 में मरवा दिया।’

Source: International

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