की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) ने कानपुर और लखनऊ की पांच ऐसी फर्जी फर्मों का पर्दाफाश किया है जो सिंडिकेट बनाकर बिलिंग कर करती थीं। के संयुक्त आयुक्त सुशील कुमार सिंह के अनुसार, इन फर्मों ने करीब 50 करोड़ रुपये की खरीद-बिक्री की, जिसमें मोटे तौर पर 6-7 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी हुई है। इसकी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।
सुशील कुमार सिंह ने बताया कि बीते दिनों सचल दल ने प्रयागराज रोड पर माल से लदे 2 ट्रक पकड़े थे। कानपुर की ईआर ट्रेडर्स ने करीब 35 लाख रुपये के रेडिमेड कपड़ों का आयात कोलकाता से किया था। कागज संदिग्ध लगे और जांच हुई तो पता चला कि ईआर ट्रेडर्स का कोई अस्तित्व नहीं है। माल की लिस्ट बनाने वाली एमटीएन ट्रांसपोर्ट का भी जांच में कोई अस्तित्व नहीं मिला।
इसी तरह कानपुर के नंबर वाले एक और ट्रक को रोका गया। इसमें 17 लाख रुपये का लेड इंगट लदा था। कानपुर के मोहिनी ट्रेडर्स से यह माल दिल्ली भेज जा रहा था। मामला संदिग्ध लगा और जांच हुई तो ट्रांसपोर्ट स्पीड रोडवेज, कानपुर का भी कोई अस्तित्व नहीं मिला। इन दोनों फर्मों की गहराई से जांच में पता चला कि कानपुर की जीटी ट्रेडर्स और लखनऊ में रजिस्टर्ड 2 फर्मों भारती एंटरप्राइजेज, भीमनगर और एलएन इंटरप्राइजेज, मवैया पार्क सिंडिकेट बनाकर सर्कुलर ट्रेडिंग कर रहे थे।
लखनऊ की दोनों फर्में भी फर्जी मिलीं। जांच में पता चला कि भारती इंटरप्राजेज ने 28 करोड़ 93 लाख लेड इंगट की बिक्री ईआर ट्रेडर्स और 9 करोड़ 45 लाख रुपये की बिक्री मोहिनी ट्रेडर्स को की। एलएन एंटरप्राइजेज ने 12 करोड़ रुपये ईआर ट्रेडर्स को की। ईआर ट्रेडर्स ने 72 लाख की बिक्री मोहिनी ट्रेडर्स को की। इस तरीके से राज्य सरकार को कर के मद में करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है।
सिंडिकेट के संचालन में जो कंप्यूटर और ई-मेल इस्तेमाल किए गए हैं, उनकी भी जांच की जा रही है। एसआईबी ने ईआर ट्रेडर्स की प्रोपराइटर तरन्नुम, मोहिनी ट्रेडर्स की प्रोपराइटर शाइस्ता, एलएन एंटरप्राइजेज की मालकिन लुबना परवीन, भारती एंटरप्राइजेज की स्वामिनी नसरीन बानो और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
Source: International