उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेले के 5वें प्रमुख स्नानपर्व पर रविवार को करीब 55 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। इस स्नान के साथ ही एक महीने से मेले में रह रहे अब विदा होने लगे हैं। माघी पूर्णिमा का स्नान सुबह करीब पांच बजे से शुरू हुआ और देर शाम तक चला।
स्नान के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। पूरे दिन घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमी रही। कल्पवासियों और संतों के साथ ही देश के अलग-अलग कोनों से पहुंचे लोगों ने संगम में डुबकी लगायी और दान-पुण्य किया। माघी पूर्णिमा स्नान से एक दिन पहले शनिवार से ही श्रद्धालुओं ने तीर्थराज प्रयाग में डेरा डाल दिया था। सुबह होते ही सभी ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाकर माघी पूर्णिमा का पुण्य फल प्राप्त करना शुरू कर दिया।
वहीं, पौष पूर्णिमा से मेले में कल्पवास कर रहे लोगों ने एक महीने तक चले कल्पवास के बाद रविवार को संगम स्नान के बाद तीर्थ पुरोहितों को दान-दक्षिणा दी और विदा होने से पहले परंपरा का निर्वाह करते हुए कल्पवास के अनुष्ठानों को पूरा किया। वहीं, संतों के शिविरों में भी पूरे दिन भंडारे चलते रहे। सोमवार से देश के कोने-कोने से पहुंचे संतों की विदाई भी शुरू हो जाएगी।
मेले से लौट रहे कल्पवासी दंपती समेत तीन की मौत
प्रयागराज के मऊआइमा थाना क्षेत्र के ब्लॉक बाजार में रविवार सुबह सड़क दुर्घटना में कार सवार दंपती और एक साइकिल सवार की मौत हो गई। दंपति माघ मेले में कल्पवास पूरा करने के बाद प्रयागराज से अमेठी वापस लौट रहे थे तभी प्रयागराज-प्रतापगढ़ हाईवे पर सड़क किनारे खड़े डंपर से उनकी कार टकरा गई। इस घटना में राधेश्याम तिवारी (65) और उनकी पत्नी केवला देवी (60) की मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, राधेश्याम तिवारी कार चला रहे थे और बगल से गुजर रहे साइकिल सवार पन्ना लाल को कार की टक्कर से बचाने के प्रयास में उनका वाहन डंपर से जा भिड़ा। इस दुर्घटना में साइकिल सवार पन्ना लाल (45) की भी मौत हो गई।
Source: International