काशी विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे श्रीलंका के राष्ट्रपति, सारनाथ को किया नमन

विकास पाठक, वाराणसी
श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने रविवार को श्रीकाशी विश्‍वनाथ मंदिर और काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का दर्शन पूजन किया। इसके बाद सारनाथ में भगवान बुद्ध की अस्थियों का दर्शन और उनकी प्रथम उपदेश स्‍थली को नमन किया।

भारत दौरे पर आए श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे रविवार सुबह करीब 10 बजे वाराणसी के लाल बहादुर शास्‍त्री एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट निदेशक आकाशदीप माथुर ने बुके देकर उनका स्‍वागत किया। इस दौरान जिला और पुलिस प्रशासन के वरिष्‍ठ अफसरों के अलावा सीआईएसएफ कमांडेंट सुब्रत झा भी मौजूद रहे। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच प्रधानमंत्री शहर के लिए रवाना हुए और सबसे पहले काशी विश्‍वनाथ मंदिर पहुंचे।

विधि-विधान से किया पूजन
काशी विश्‍वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने बैठकर विधि विधान से पूजन किया। प्रधान अर्चक डॉ. श्रीकांत मिश्र और पांच वैदिक ब्राह्मणों ने विशेष पूजन कराया। महिंद्रा राजपक्षे ने मंदिर के स्‍वर्ण शिखर को भी निहारा। मंदिर प्रशासन की ओर से उन्‍हें प्रसाद भेंट किया गया। बाबा दरबार के बाद प्रधानमंत्री कालभैरव मंदिर पहुंचे। कालभैरव का पूजन और आरती कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद होटल ताज में कुछ देर विश्राम किया।

दोपहर बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली सारनाथ पहुंचे। मूलगंध कुटी विहार स्थित बौद्ध मंदिर में पूजन और तथागत की अस्थियों के दर्शन करने संग बौद्ध भिक्षुओं का आशीर्वाद लिया। धमेख स्‍तूप का भी पूजन किया। इस दौरान सारानाथ पुरातात्विक संग्रहालय भारत के राष्‍ट्र चिन्‍ह अशोक लाट (अशोक स्‍तंभ) के साथ सौ साल से ज्‍यादा समय पहले खुदाई में मिली भगवान बुद्ध और बोधिसत्‍व की मूर्तियों को देखा।

रिश्‍तों के प्रतीक पोस्‍टर लगे
श्रीलंका के प्रधानमंत्री का काफिला जिन सड़कों से गुजरा, उसके दोनों तरफ भारत और श्रीलंका के मजबूत रिशतों के प्रतीक पोस्‍टर लगे रहे। पोस्‍टर में श्रीलंका के प्रधानमंत्री के स्‍वागत का संदेश तमिल और सिंहली भाषा में लिखा है।

Source: International

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