संत रविदास की जयंती पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को वाराणसी पहुंचकर उनके जन्मस्थान का दौरा किया। यहां उन्होंने गुरु संत रविदास जन्मस्थान मंदिर में पूजा-अर्चना की। वहीं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने प्रियंका पर निशाना साधते हुए इसे नाटक करार दिया और अपने समर्थकों को सतर्क रहने को कहा।
इससे पहले वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट में प्रियंका गांधी का जोर-शोर से स्वागत हुआ। इसके बाद वह सीधे सीरगोवर्धन में संत रविदास की जयंती पर आयोजित समारोह में शामिल होने रवाना हो गईं। प्रियंका गांधी ने सुबह ही सोशल मीडिया पर संत रविदास को नमन करने के साथ ही वाराणसी आगमन की जानकारी दी थी।
ट्वीट कर दी थी जानकारी
सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने भी उनके पोस्ट साझा कर संत रविदास को नमन किया। प्रियंका ने एक ट्वीट में लिखा, ‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ों सब सम बसै, रैदास रहे प्रसन्न। जगत पितामा, साहिबे कमाल, सदगुरु श्री रविदास जी महाराज की जयंती की आप सबको लख लख बधाइयां। संत शिरोमणि गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर की चौखट पर मत्था टेकने आज बनारस में रहूंगी।’
रविदास जयंती के जरिए जनाधार मजबूत करने में जुटीं प्रियंका
प्रियंका के इस दौरे को गैर-राजनीतिक बताया जा रहा है, लेकिन राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि वह ‘जनाधार की मजबूत जड़ों को सींचने की कोशिश कर रही हैं। इस दौरान सीर में उन्होंने संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने के साथ ही लंगर और प्रसाद भी ग्रहण किया।’ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि प्रियंका की बहुत दिनों से इच्छा थी कि ‘वह संत शिरोमणि गुरु रविदास की जन्मस्थली सीर में मत्था टेकें।’ बता दें कि इससे पहले कि 10 जनवरी को प्रियंका गांधी बनारस के राजघाट स्थित संत रविदास मंदिर में दर्शन करने पहुंची थीं। वहां से नाव से वह पंचगंगा घाट स्थित श्रीमठ गई थीं। प्रियंका काशी विश्वनाथ मंदिर भी गई थीं।
संत रविदास की स्तुति का नाटक कर रही है कांग्रेस: मायावती
वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियों पर संत रविदास के मंदिरों में जाकर निजी स्वार्थ के लिए नाटकबाजी करने का आरोप लगाया। मायावती ने रविवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियां यहां उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार होने पर संत गुरु रविदास जी को कभी मान-सम्मान नहीं देती लेकिन सत्ता से बाहर होने पर ये अपने स्वार्थ में उनके मन्दिरों/स्थलों आदि में जाकर कई प्रकार की नाटकबाजी जरूर करती है। इनसे सतर्क रहें।’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, ‘जबकि यहां बीएसपी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने अपनी सरकार के समय में संत रविदास को विभिन्न स्तरों पर पूरा-पूरा मान-सम्मान दिया है। उन्हें भी अब विरोधी पार्टियां एक-एक करके खत्म करने में लगी हैं जो अति निन्दनीय है।’
Source: International