अपने शुरुआती दिनों की जिंदगी को याद करते हुए धर्मेंद्र ने बताया कि वह एक में रहते थे और पैसों के लिए उन्होंने ड्रिलिंग फर्म में भी काम किया था। उन्होंने कहा, ‘मेरे शुरुआती दिनों में, मैं एक गैरेज में रहता था क्योंकि मुंबई में मेरे पास कोई घर नहीं था। मुंबई में खर्च चलाने के लिए मैं एक ड्रिलिंग फर्म में काम किया करता था जहां मुझे 200 रुपये मिलते थे। इसके अलावा एक्सट्रा पैसे के लिए मैं ओवरटाइम भी किया करता था।’
बता दें कि धर्मेंद्र पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। फिल्मफेयर का मशहूर टैलंट अवॉर्ड जीता था। इसके बाद उन्होंने काजल, फूल और पत्थर, मेरा गांव मेरा देश, राजा जानी, सीता और गीता, जुगनू, चरस, शोले, धर्मवीर, ड्रीम गर्ल, जीवन मृत्यु, ब्लैकमेल और चुपके-चुपके जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया। कला जगत में बेहतरीन योगदान के लिए धर्मेंद्र को पद्म भूषण से भी नवाजा गया था।
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