बांग्लादेश ने भारत को हराकर पहली बार अंडर-19 विश्व कप जीता है। रविवार को खेले गए मुकाबले में डकवर्थ लुईस से 3 विकेट से हरा दिया। भारत को पहले बल्लेबाजी का न्योता मिला और टीम 177 रनों पर ऑल आउट हो गई जवाब में बांग्लादेश ने कप्तान अकबर अली के 43 और परवेज हसन इमॉन के चोट के बावजूद 47 रनों की पारी की मदद से मैच 170 रनों के संशोधित लक्ष्य को हासिल की। पर इस हार के बाद सवाल उठा कि क्या भारतीय कप्तान प्रियम गर्ग कोई चूक कर गए? लेग स्पिनर बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे लेकिन उनसे 10 ओवर लगातार नहीं फिंकवाए गए और शायद यहीं गर्ग ने मौका हाथ से जाने दिया।
कोई गेंदबाज जब लय में हो तो वह अधिक से अधिक बोलिंग करना चाहता है। बल्लेबाज उसकी रिदम से घबराते हैं और यही घबराहट फील्डिंग कर रही टीम के पक्ष में जाती है। पर अगर आप उस बोलर को आक्रमण से हटा लेते हैं तो कई बार यह सामने वाली टीम के लिए राहत की बात होती है और आप हाथ में आई हुई पकड़ ढीली कर देते हैं। रविवार को भारत और बांग्लादेश के बीच अंडर-19 वर्ल्ड कप के मुकाबले में यही देखने को मिला।
रवि बिश्नोई की फिरकी कमाल कर रही थी। बांग्लादेशी बल्लेबाज उनकी गुगली के सामने असहाय से नजर आ रहे थे। गेंद टप्पा खाने के बाद कहां घूमेगी। किस रफ्तार से घूमेगी इसका अंदाजा लगा पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। अपनी बोलिंग से वह भारत को न सिर्फ मैच में वापस ले आए थे बल्कि ड्राइविंग सीट पर पहुंचा दिया था। वह मैच जो लग रहा था कि बांग्लादेश आसानी से जीत जाएगा उसमें भारतीय टीम को फेवरिट बनाने में जोधपुर के इस 19 साल के गेंदबाज का कमाल था। बिश्नोई ने टूर्नमेंट में सबसे ज्यादा 17 विकेट लिए।
दूसरी गेंद पर पड़ा छक्का, पांचवीं पर बदला
बांग्लादेश के सामने महज 178 रनों का लक्ष्य था। और तनजीद हसन और परवेज हसन इमॉन ने टीम को मजबूत शुरुआत दी थी। ऐसे में कप्तान प्रियम गर्ग ने बिश्नोई को गेंद थमाई। 9वें ओवर में बोलिंग करने आए बिश्नोई की दूसरी ही गेंद पर छक्का लगाकर बांग्लादेश ने 50 रन पूरे किए। लेकिन इसी ओवर की पांचवीं गेंद पर हसन फिरकी के जाल में फंस गए। गुगली को सही से पढ़ नहीं पाए और उन्होंने बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की। गेंद बल्ले पर आई नहीं और लॉन्ग ऑन पर कार्तिक त्यागी ने कैच लपका।
इसके बाद उन्होंने छह ओवर लगातार गेंदबाजी की और तीन और विकेट लिए। तो एक समय जिस बांग्लादेश का स्कोर बिना विकेट के 50 रन था वह 6 विकेट पर 102 रन हो गया।
पहले छोर बदला, फिर आक्रमण से हटाया
इसके बाद उन्हें गेंदबाजी से हटाकर दूसरे छोर से लाया गया। चलिए यहां तक ठीक था लेकिन गर्ग ने अकबर अली और रिटायर्ट हर्ट होने के बाद दोबारा मैदान पर लौटे इमॉन के सामने उन्हें गेंदबाजी न करवाने का फैसला किया गया। उन्हें 22वें ओवर के बाद 29वें ओवर में लाया गया। तब तक दोनों बल्लेबाज सेट हो चुके थे और लक्ष्य भी बहुत ज्यादा नहीं था।
इन दोनों बल्लेबाजों ने भी बिश्नोई पर कोई रिस्क नहीं लेने का फैसला किया और संयम के साथ बल्लेबाजी की। इमॉन के आउट होने के बाद रकीबुल हसन ने कप्तान का साथ दिया। उन्होंने 25 गेंदों का सामना किया और नौ रन बनाए।
टीवी कॉमेंटेटर्स ने भी माना कि गर्ग यहां ट्रिक मिस कर गए। उन्हें बिश्नोई को लगातार बोलिंग करवाते रहना चाहिए था चूंकि उस परिस्थिति में एक और विकेट भारतीय टीम को मैच में बहुत मजबूत स्थिति में पहुंचा देता। हालांकि मैच के बाद गर्ग ने माना कि अगर भारतीय टीम का स्कोर 210-220 के करीब होता तो शायद मैच में अच्छी फाइट होती।
Source: Sports