मध्य प्रदेश: शौचालय के साथ तस्वीर खिंच गई और लाभार्थियों को पता भी नहीं, 540 करोड़ रुपये का स्वच्छ भारत घोटाला

भोपाल
मध्य प्रदेश में स्वच्छ भारत योजना के तहत 540 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस लागत से बनाए जाने वाले 4.5 लाख से भी अधिक शौचालय सिर्फ कागजों तक ही सीमित है, इनका जमीन पर निर्माण नहीं हुआ। जबकि प्रशासन का दावा था कि उसके पास प्रत्येक शौचालय का जीपीएस टैग्ड फोटो भी है। अब सरकार ने आरोपियों से प्रत्येक शौचालय में खर्च होने वाले पैसे जब्त करने के आदेश दिए हैं।

इस शौचालयों का निर्माण 2012 से 2018 के बीच होना था लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि ये शौचालय सिर्फ कागज तक ही सीमित हैं। अब अधिकारियों को भी अहसास होने लगा है कि स्वच्छ टॉइलट निर्माण के सबूत के रूप में जो तस्वीरें ली गई थीं वह किसी और जगह की थीं।

शौचालय के साथ लाभार्थियों की तस्वीर भी
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब बेतुल के लक्कड़जाम पंचायत के कुछ ग्रामीणों ने अधिकारियों के पास जाकर शिकायत की थी। चार स्वच्छ लाभार्थियों ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके नाम से शौचालयों का निर्माण हो चुका है। लेकिन सरकारी दस्तावेजों में न सिर्फ यह कहा गया है कि उनके घरों में शौचालय हैं बल्कि टॉइलट्स के सामने उनकी तस्वीरें भी हैं। जांच में खुलासा हुआ कि सभी तस्वीरें पड़ोस के घर की थीं।

आरोपियों से होगी वसूली
बेतुल पंचायत के सीईओ एमएल त्यागी ने बताया, ‘इन शौचालय और दूसरी विसंगतियों के लिए आरोपी से 7 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। आरोपियों ने वसूली आदेश के खिलाफ अपील की, लेकिन जुर्माना बरकरार रखा गया है। एक बार जब रिकवरी हो जाएगी तो हम आईपीसी के तहत कार्रवाई करेंगे। मैंने पंचायत में होने वाले सभी कामों के जांच के आदेश दिए हैं।’

एक अधिकारी ने बताया, ‘मामले की जांच आगे बढ़ने पर सामने आया कि अब तक साढ़े चार लाख शौचालय ऐसे हैं जो सिर्फ कागजों पर हैं। मौद्रिक रूप से देखा जाए तो करीब 540 करोड़ रुपये के शौचालय बने ही नहीं हैं।’

साढ़े चार लाख टॉइलट्स गायब निकले
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अजित तिवारी ने बताया, ‘2012 में एक सर्वे कराया गया जिसके तहत राज्य में गरीबी रेखा से ऊपर करीब 62 लाख घर सामने आए जहां शौचालय नहीं थे। 2 अक्टूबर 2018 तक इन घरों में शौचालय का निर्माण पूरा हुआ। लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन शौचालयों का निर्माण वाकई में हुआ है और यह काम 100 फीसदी तक पूरा हो चुका है, हमने एक सर्वे कराया और 21 हजार वॉलनटिअर्स की मदद से फिजिकल वैरिफिकेशन किया। सर्वे के दौरान करीब साढ़े चार लाख शौचालय गायब मिले।’

Source: Madhyapradesh

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