उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में 24 साल पहले में एक व्यक्ति की कर दी गई थी। मामला जिले के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के रैकवारेडीह गांव का है। बताया गया साल 1996 में दुबरी पांडेय नामक व्यक्ति का गला काटकर उनकी जान ले ली गई थी। इस मामले में आरोपी अधिवक्ता राकेश पांडेय और उनके साले यशवंत चौबे को हत्या और सबूत छिपाने सहित अन्य आरोपों में न्यायालय ने दोषी करार दे दिया है। साथ ही दोनों आरोपियों को सुनाई है।
अपर जिला और सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक आदिल आफताब अहमद ने इस चर्चित हत्याकांड में मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। इस मामले में अधिवक्ता वादी अखिलेश कुमार पांडेय की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, मामले के प्रमुख आरोपी अधिवक्ता राकेश पांडेय हैं। यह मामला 12 मार्च 1996 की दोपहर का है। जानकारी के मुताबिक, रैकवारेडीह गांव में दुबरी पांडेय की हत्या कर दी गई थी।
खेत से लौटते समय कर दी गई थी हत्या
बताया गया कि अखिलेश पांडेय अपने बाबा दुबारी पांडेय के साथ गेहूं के खेत की सिंचाई करके लौट रहे थे। पहले से ही खेत में छिपे आरोपी इन्द्रासन पांडेय, राकेश पांडेय, मिथेलेश ऊर्फ दीपू और घनश्याम पांडेय निवासी रैकवारडीह और यशवंत चौबे ने दुबरी को पकड़ लिया। राकेश पांडेय ने उनके गर्दन और हाथ के अंगूठे को काटकर अलग कर दिया। इसके बाद मृतक की गर्दन हाथ में लेकर आरोपी सबको आतंकित करते हुए गए कि कोई गवाही न करे। हमलावर दुबरी पांडेय के अंगूठे भी काटकर ले गए थे।
सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने मृतक के सिर को तालाब में फेंक दिया था। जहां से पुलिस ने बरामद कर लिया था। आरोपी इन्द्रासन पांडेय और घनश्याम पांडेय की मृत्यु हो चुकी है। आरोपी मिथलेश को नाबालिग घोषित करके सुधार गृह में भेजा जा चुका है। दोषी पाए गए राकेश पांडेय और उसके साले यशवंत चौबे को फांसी की सजा सुनाई गई है।
Source: International