ऑस्ट्रेलिया में होने वाले महिला टी20 विश्व कप में तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह पहला मौका होगा जब आईसीसी किसी वैश्विक टूर्नमेंट में पहली बार इसे लागू करेगी। महिला की शुरुआत इस महीने के आखिर में होनी है।
इससे पहले फ्रंटफुट नोबॉल तकनीक का इस्तेमाल हाल ही में भारत और वेस्ट इंडीज में सफल प्रयोग के बाद इसके इस्तेमाल का फैसला किया गया। आईसीसी ने एक बयान में कहा, ‘तीसरा अंपायर हर गेंद के बाद फ्रंटफुट लैंडिंग पोजिशन पर नजर रखेगा। गेंद नोबॉल होने पर वह मैदानी अंपायर को इसकी सूचना देगा।’
इसमें कहा गया, ‘मैदानी अंपायरों को निर्देश दिए गए हैं कि फ्रंटफुट नोबॉल पर वह फैसला नहीं लेंगे। बाकी नोबॉल पर हालांकि वे ही फैसला लेंगे।’
हाल ही में 12 मैचों में इस तकनीक का ट्रायल किया गया, जिसमें 4717 गेंदें डाली गईं और उनमें 13 नोबॉल थीं। आईसीसी महाप्रबंधक (क्रिकेट) ज्योफ अलार्डिस ने कहा, ‘क्रिकेट मैच में अधिकारियों की मदद के लिए तकनीक के इस्तेमाल की अच्छी परंपरा रही है। मुझे यकीन है कि इस तकनीक के प्रयोग से आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप में फ्रंटफुट नोबॉल में गलतियों की गुंजाइश कम हो जाएगी।’
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