मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। यूपी के सहारनपुर में एक कार्यक्रम में पहुंचे गिरिराज सिंह ने दारुल ऊलूम देवबंद को आतंकवाद की गंगोत्री बताते हुए कहा कि हाफिज सईद जैसे आतंकियों के तार यहां से जुड़े हैं। इस दौरान गिरिराज ने जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की भी बात कही।
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन और हिंदू जागरण मंच पर सीएए के समर्थन कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय पशुधन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘मैंने एक बार कहा था कि यह देवबंद आतंकवाद की गंगोत्री है। सारे बड़े-बड़े दुनिया में जो भी आतंकवादी पैदा हुए हैं, चाहे हाफिज सईद का मामला हो, ये सारे के सारे लोग यहीं से निकलते हैं।’
गिरिराज सिंह ने इस दौरान कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर ऐसा कानून आना चाहिए कि जो ना माने, उसका वोटिंग का अधिकार खत्म कर देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों पर आर्थिक और कानूनी प्रतिबंध भी लगाना चाहिए।
कानून बनाने को
लेकर सौंपा राष्ट्रपति को पत्र
उन्होंने कहा कि वह पिछले वर्ष जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के बैनर तले कानून बनाने को लेकर 125 सांसदों का हस्ताक्षर युक्त पत्र राष्ट्रपति को सौंप चुके हैं। 11 अक्टूबर 2019 से मेरठ से दिल्ली तक पैदल यात्रा भी की। जिसमें तकरीबन 300 छोटी-बड़ी रैलियों का आयोजन हुआ था।
‘देश के विकास के लिए जल्दी बने कानून’
गिरिराज सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कड़ा कानून बनना चाहिए। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण पर कहा कि देश के अंदर जनसंख्या नियंत्रण जल्द से जल्द लागू होना चाहिए अन्यथा देश का विकास नहीं हो पाएगा। अगर देश का विकास करना है तो जनसंख्या नियंत्रण कानून बहुत जल्द से जल्द लाना होगा।
गिरिराज बोले, सीएए का विरोध गलत
गिरिराज सिंह ने कहा कि सीएए के खिलाफ जो भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं वह गलत हैं। उससे भारतीय की नागरिकता का कोई भी खतरा नहीं है, लेकिन पता नहीं क्यों प्रदर्शन करने वाले लोग यह बात समझने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब भारत का बंटवारा हुआ था तो धर्म के आधार पर बंटवारा किया गया था। अगर उस समय धर्म के आधार पर बंटवारा नहीं किया जाता तो आज पाकिस्तान में सारे मुस्लिम और हिंदुस्तान में सारे हिन्दू होते। गिरिराज सिंह ने दिल्ली में हो रहे सीएए के प्रदर्शन पर कहा है कि कोई कहता है कि भारत इस्लामिक देश बनेगा तो कोई कहता है कि नागरिकता संशोधन बिल गलत लाया गया है, जबकि भारत में रहने वाले किसी भी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई नागरिक की नागरिकता को कोई भी कानून से कोई भी खतरा नहीं है।
Source: National