राम जन्‍मभूमि न्‍यास के मॉडल पर बने राम मंदिर: वासुदेवानंद

विकास पाठक, वाराणसी
श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ ट्रस्‍ट के सदस्‍य स्‍वामी वासुदेवानंद ने गुरुवार को वाराणसी में कहा कि विश्‍व हिन्‍दू परिषद (वीएचपी) तथा राम जन्‍मभूमि न्‍यास के मॉडल पर ही आयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि किस मॉडल पर मंदिर का निर्माण होगा, यह ट्रस्‍ट तय करेगा। ट्रस्‍ट का निर्णय सर्वमान्‍य होगा।

स्‍वामी वासुदेवानंद गुरुवार दोपहर वाराणसी स्थित अपने आश्रम पहुंचे। गंगा महासभा के कार्यालय में मीडिया से मुखातिब स्‍वामी वासुदेवानंद ने अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि रामनवमी से मंदिर निर्माण आरंभ होने की पूरी उम्‍मीद है। इस बारे में जल्‍द ही ट्रस्‍ट की बैठक में निर्णय होगा।

राम मंदिर के मॉडल के सवाल पर स्‍वामी वासुदेवानंद ने कहा, ‘देशभर में भ्रमण के दौरान वीएचपी और जन्‍मभूमि न्‍यास के मॉडल पर जनता ने विश्‍वास और श्रद्धा करके सवा-सवा रुपया दिया था। यह मॉडल भारतीय परंपरा और शिल्‍पकला का प्रतीक है। इस कारण मेरा मानना है कि इसी मॉडल से मंदिर बनना चाहिए। रामजन्‍मभूमि न्‍यास को मिली जो धनराशि खाते में जमा है, उसका भी मंदिर निर्माण में उपयोग किया जाएगा।’

शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरसवती द्वारा ट्रस्‍ट के गठन को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर उनहोंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने ट्रस्‍ट बनाया है। उसके अनुरूप ही कार्य भी हो रहा है। रामालय ट्रस्‍ट नाम की कोई चीज नहीं है। पूर्व मुख्‍यमंत्री कल्‍याण सिंह और पूर्व मंत्री उमा भारती द्वारा ट्रस्‍ट में पिछड़ी जाति को शामिल करने पर प्रश्‍न पर स्‍वामी वासुदेवानंद ने कहा कि देश में 1.30 करोड़ लोग हैं। सभी मांग करते रहे तो काम कैसे चलेगा। ट्रस्‍ट में शामिल होने के बजाए सभी को अपना सहयोग देना चाहिए।

अयोध्‍या के विवादित ढांचे के मलबे के विवाद पर उन्‍होंने कहा कि वह प्राचीन मंदिर का हिस्‍सा था और 1992 में खत्‍म हो चुका है। अब मुस्लिम पक्षकार उसे ढूंढते रहें। गंगा की स्‍वच्‍छता पर कहा कि जितनी स्‍वच्‍छ होनी चाहिए उतनी नहीं हुई है। हालांकि सरकार पूरा प्रयास कर रही है। सरकार के साथ लोगों को भी प्रयास करना चाहिए।

Source: International

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