निर्मोही अखाड़ा के पंचों की बैठक, राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट में और सदस्‍य शामिल करने की मांग

अयोध्या
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन को लेकर के पंचों की बैठक गुरुवार को अयोध्या अखाड़े में हुई जिसमें करीब आधा दर्जन पंच शामिल हुए। निर्मोही अखाड़ा के सरपंच राजा रामचंद्राचार्य ट्रस्ट के गठन में निर्मोही अखाड़ा की उपेक्षा से नाराज़ हैं।

निर्मोही अखाड़ा के पंचों की बैठक में अहम निर्णय किया गया कि, नए ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा के ट्रस्टी बनाए गए महंत दिनेंद दास 19 फरवरी को दिल्ली में आयोजित राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की बैठक में मांग करेंगे कि ट्रस्ट में अकेले स्थान मिलने से काम नहीं चलेगा। वह ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा के 6 अन्य सदस्यों को भी शामिल करने की मांग करेंगे।

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निर्मोही अखाड़े को ही पूजा करने का अधिकार मांगा पंचों ने तय किया कि दिल्‍ली में आयोजित बैठक में निर्मोही अखाड़ा को ही पूजा करने का अधिकार देने की मांग बैठक में की जाए। निर्मोही अखाड़ा में आयोजित बैठक में सरपंच राजा रामचन्द्राचार्य, महंत राधेबाबा राजस्थान समेत कई संत हुए शामिल हुए। अखाड़ा में कुल 13पंच हैं।

सरकार पर दबाव की राजनीति नहीं महंत दिनेंद दास ने कहा कि पंचों की बैठक में जो निर्णय किया गया है उसे वे ट्रस्ट की 19 फरवरी को होने वाली बैठक में रखेंगे। निर्मोही अखाड़ा सांवरिया धाम राजस्थान के महंत व पंच सुरेश दास ने पंचों की बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘जो निर्णय गुरुवार की बैठक में लिए गए हैं वे हमारी मांग नहीं हैं बल्कि ट्रस्‍ट व सरकार से अनुरोध है। अनुरोध मानना या न मानना सरकार के ऊपर है।’

उन्‍होंने आगे कहा, ‘अगर ट्रस्ट में जगह नहीं मिलती तो मंदिर निर्माण में व्यवस्था विस्तार योजना में कम से कम 6 पंचों को शामिल किया जा सकता है। जो महंत दिनेंद दास के निर्देशन में पूजा व्यवस्था आदि में लगाए जा सकेंगे।’ महंत ने स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि हम सरकार पर दबाव की राजनीति नहीं कर रहे हैं।

Source: International

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