अब इस नुकसान को दुरुस्त कर दिया गया है और ट्रोफी को पहले जैसा बना दिया गया है। जायसवाल को 400 रन बनाने के लिए ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ पुरस्कार से नवाजा गया था जिसमें सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद शतक भी शामिल है।
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जायसवाल से जुड़े करीबी सूत्र ने गुरुवार रात पीटीआई से कहा, ‘ट्रोफी को यात्रा के दौरान कुछ नुकसान पहुंचा था लेकिन अब हमने इसे दुरुस्त कर दिया है। यात्रा के दौरान ऐसी चीजें होती हैं।’
अब अंडर-23 टूर्नमेंट पर फोकसअंडर 19 वर्ल्ड कप में अपने बल्ले की धाक जमाने वाले यशस्वी जायसवाल को टीम इंडिया में एंट्री करने का अगला दावेदार माना जा रहा हो। हालांकि यह उन्हें भी अच्छे से मालूम है कि टीम इंडिया में एंट्री के लिए सिर्फ एक टूर्नमेंट में रन बनाना काफी नहीं है। उन्हें अपने बल्ले की धार हर बार दिखानी होगी। यशस्वी अब रणजी ट्रोफी और अंडर 23 टूर्नमेंट पर फोकस कर रहे हैं।
ट्रोफी संभाल कर रखने की आदत नहींयशस्वी के कोच ज्वाला सिंह ने बताया कि वह रनों को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं लेकिन ट्रोफियों को संभालकर रखने में उन्हें ज्यादा रुचि नहीं है। बता दें यशस्वी ने वर्ल्ड कप की 6 पारियों में (59, 29*, 57*, 62, 105* और 88) कुल 400 रनों का योगदान दिया। इस दौरान 5 बार उन्होंने 50 से अधिक रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने 3 विकेट भी अपने नाम किए।
(एजेंसी से इनपुट)
Source: Sports