प्रयागराज
बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता को झटका देने के बाद ने एक अन्य मामले में उन्हें राहत प्रदान की है। कोर्ट ने आजम खान के खिलाफ रामपुर में दर्ज आपराधिक मामलों की जांच की मांग में दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। याचिका में किसानों और अन्य लोगों द्वारा दर्ज एफआईआर की पुलिस विवेचना की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी।
बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता को झटका देने के बाद ने एक अन्य मामले में उन्हें राहत प्रदान की है। कोर्ट ने आजम खान के खिलाफ रामपुर में दर्ज आपराधिक मामलों की जांच की मांग में दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। याचिका में किसानों और अन्य लोगों द्वारा दर्ज एफआईआर की पुलिस विवेचना की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी।
शुक्रवार को जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस आरएन तिलहरी की खंडपीठ ने फरमूद हुसैन की याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया है। सीबीआई की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने प्रतिवाद किया। कोर्ट ने याचिका बलहीन मानते हुए वापस करते हुए खारिज कर दी है।
अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन पहले ही रद्द
आपको बता दें कि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को इलाहाबाद हाई कोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है। शुक्रवार को कोर्ट ने अब्दुल्ला के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र मामले में भी मुकदमा रद्द करने से इनकार कर दिया है। फर्जी प्रमाणपत्र मामले में मुकदमा रामपुर जिला अदालत में चल रहा है। याचिका में मांग की गई थी कि इस मुकदमे और चार्जशीट को रद्द कर दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया।
Source: International