छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए 23 सितंबर को मतदान होगा। शांतिपूर्ण मतदान के लिए 18 हजार से अधिक बलों को तैनात किया गया है। दंतेवाड़ा विधानसभा सीट (अनुसूचित जनजाति आरक्षित) पर इसलिए उपचुनाव कराया जा रहा है क्योंकि यहां से भारतीय जनता पार्टी के विधायक भीमा मंडावी की इस वर्ष अप्रैल में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। तब से यह सीट रिक्त है। इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान सुरक्षा बलों के लिए चुनौती है। राज्य के नक्सल विरोधी अभियान से जुड़े पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि दंतेवाड़ा विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा बलों के 18 हजार जवानों को तैनात किया गया है। इसमें बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों के जवान भी शामिल हैं। क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी अभियान जारी है।
सुंदरराज ने बताया कि उपचुनाव के लिए सात हजार केंद्रीय बलों को भेजा गया है। क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के 11 हजार जवान यहां पहले से मौजूद हैं। ये जवान लगातार अभियान में जुटे हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव वाले क्षेत्र में सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है तथा नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी सहारा लिया जा रहा है। मतदान केंद्रों पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में नक्सली 21 से 27 सितंबर के मध्य स्थापना दिवस मना रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है। देश के अलग अलग क्षेत्रों में सक्रिय नक्सलियों ने 21 सितंबर वर्ष 2004 में माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) और पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्लूजी) का विलय कर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का गठन कर लिया था। तब से नक्सली 21 सितंबर कोस्थापना दिवस मनाते हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 188263 मतदाता हैं। उनमें 89747 पुरूष तथा 98876 महिलाएं हैं। क्षेत्र में मतदान के लिए 273 मतदान केंद्रों की स्थापना की गई है। इस क्षेत्र में सुबह सात बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक मतदान होगा। अधिकारियों ने बताया कि इस विधानसभा उपुचनाव में कुल नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के मध्य है। कांग्रेस ने दंतेवाड़ा सीट के लिए देवती कर्मा पर भरोसा किया है। देवती कर्मा पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी है। वर्ष 2013 में झीरम घाटी हमले में नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा की हत्या कर दी थी। भाजपा ने भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को चुनाव मैदान में उतारा है। इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव के दौरान नौ अप्रैल को चुनाव प्रचार पर निकले विधायक भीमा मंडावी के वाहन को नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया था। इस हमले में मंडावी और चार अन्य सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु हो गई थी।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की देवती कर्मा भाजपा के भीमा मंडावी से 2172 मतों से चुनाव हार गई थी। इस चुनाव में दंतेवाड़ा सीट, बस्तर क्षेत्र के 12 विधानसभा सीटों में से एकमात्र ऐसी सीट थी जिसमें भाजपा जीती थी। इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में देवती कर्मा ने भीमा मंडावी को हाराया था। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं भाजपा को 15 सीटें मिली थी। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने दो सीटों पर तथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन इस वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने राज्य के 11 में से नौ सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को केवल दो सीटें ही मिल सकी थी।