पुलवामा पर थरूर, सालभर बाद भी सरकार अंधेरे में

तिरुवनंतपुरम
सांसद ने शुक्रवार को कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के एक साल बीत जाने के बावजूद हमले को अंजाम देने वालों के बारे में पता नहीं लगना शहीदों का अपमान है। शशि थरूर ने कहा कि नियमित आवाजाही के दौरान सैनिकों को सुरक्षित रखना की जिम्मेदारी है। बता दें कि 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘जवाबदेही कहां है? कौन जिम्मेदार है? क्या इसमें लापरवाही थी? क्या कोई साजिश थी। पुलवामा घटना के एक साल बीत जाने के बावजूद सच्चाई यह है कि हमारे पास कोई उत्तर नहीं है और यह शहीदों का अपमान है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी यह सवाल उठाने के लिए पूरी तरह से सही थे कि इस हमले से किसको फायदा हुआ और इसमें जांच का क्या परिणाम निकला?

‘तिरंगे की आड़ लेती है लेकिन सवाल पूछना जरूरी’
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर हमला बोलते हुए शशि थरूर ने कहा, ‘क्योंकि बीजेपी सरकार सभी सवालों को नकार कर (राष्ट्रीय) ध्वज की आड़ लेने का प्रयास करती है। हम सभी देशभक्त हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अक्षम देशभक्त हैं। हम गैरजिम्मेदार देशभक्त नहीं हो सकते हैं।’ पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा, ‘हम उनके प्रति शोक व्यक्त करते हैं, हम उनके बलिदान को नमन करते हैं। आज उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए हमें शीश झुकाना चाहिए।’

शशि थरूर ने आगे कहा कि सवाल उठाना जरूरी है और और उसका उत्तर भी दिया जाना चाहिए। कश्मीर के एक पुलिस उपाधीक्षक के कथित रूप से आतंकवादियों से मिलीभगत के मामले की ओर इशारा करते हुए शशि थरूर ने कहा, ‘उसमें कोई जांच की गई। क्या उस मामले में उनलोगों की तरफ से कोई आपराधिक लापरवाही हुई है, जिन्हें निर्णय करने का अधिकार है?’

Source: National

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