बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में एक बार फिर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। महागठबंधन में शामिल दलों में नेतृत्व करने के लिए किसी एक नेता को लेकर सहमति नहीं बना पा रही है। इस बीच शुक्रवार को महागठबंधन के घटक दलों में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) से उपेंद्र कुशवाहा, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से मुकेश सहनी, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) से जीतनराम मांझी और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेपी) के संयोजक की अगुआई में बंद कमरे में एक बैठक हुई, मगर इससे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के नेता नदारद रहे।
नेताओं ने बैठक में हुई चर्चा को लेकर पत्रकारों को कुछ नहीं बताया। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इतना जरूर कहा कि वे सभी 18 फरवरी के बाद ही कुछ बात करेंगे। चुनाव में नेतृत्व के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘अभी कोई बात नहीं हुई है। पिछले समय क्या हुआ सबको मालूम है।’ वहीं, सूत्रों का कहना कि बैठक में इस पर चर्चा की गई कि महागठबंधन में आम आदमी पार्टी (आप) को शामिल किया जाए या नहीं। सूत्रों का दावा है कि बैठक में नेतृत्व को लेकर भी चर्चा की गई।
आरजेडी ने कहा, शरद तो राष्ट्रीय नेता
गठबंधन के तीनों नेताओं मांझी, कुशवाहा और सहनी ने वरिष्ठ नेता शरद यादव के नाम को आगे बढ़ाया है। इस संबंध में हालांकि आरजेडी ने स्पष्ट कर दिया है कि शरद यादव तो राष्ट्रीय नेता हैं। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि समाजवादी नेता शरद यादव वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता हैं, मगर आरजेडी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने इशारों ही इशारों में महागठबंधन में शामिल नेताओं को स्पष्ट संदेश भी देते हुए कहा कि आरजेडी ने नेतृत्व और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा कर दी है, जिसे साथ पसंद हो वह साथ चल सकता है।
आरजेडी और कांग्रेस मिलकर कर रहे तैयारी!
आरजेडी के इस बयान और महागठबंधन के कई घटक दलों की बैठक से कांग्रेस और आरजेडी की अनुपस्थिति के बाद यह तय हो गया है कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी विवाद जारी है। महागठबंधन में शामिल सभी दलों के नेता भले ही साथ होने का दावा कर रहे हों, मगर इस परिस्थिति में आरजेडी और कांग्रेस ने अपनी राहें अलग कर ली हैं। दोनों ही दल अकेले ही अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। वैसे महागठबंधन नेताओं के लिए लालू प्रसाद की राय बेहद अहम है। सूत्रों के मुताबिक, शरद यादव शनिवार को रांची जाकर लालू प्रसाद से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि बैठक के बाद शरद यादव ने कुछ भी कहने से किनारा कर लिया है।
Source: National