ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रफेसर हिंदी की परीक्षा में एक सवाल को विशेषज्ञों की समिति द्वारा सही किए जाने के बावजूद डिलीट किए जाने के मामले में आयोग से एक सप्ताह में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि प्रश्न संख्या 37 जिसे विशेषज्ञ समिति ने सही माना था, उसे डिलीट क्यों किया गया। अजय कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जस्टिस एसपी केसरवानी ने दिया।
याची के अधिवक्ता के मुताबिक, आयोग ने सहायक प्रफेसर हिंदी के 166 पदों का विज्ञापन जारी किया था। इसकी लिखित परीक्षा 5 जनवरी 2019 को आयोजित हुई तथा संशोधित उत्तर कुंजी 30 अप्रैल 2019 को जारी की गई। याची अजय कुमार सिंह ने आंसर की में दिए गए पांच प्रश्नों के सही जवाब लेकर के आपत्ति करते हुए याचिका दाखिल की। हाई कोर्ट ने इन प्रश्नों को बीएचयू के विशेषज्ञ प्रोफेसरों की कमिटि द्वारा जांच कर सुझाव देने का निर्देश दिया।
बीएचयू की एक्सपर्ट कमेटी ने याची के सभी पांच प्रश्नों के जवाबों को सही पाया। हाई कोर्ट ने आयोग को एक्सपर्ट कमिटि की राय के आधार पर नए सिरे से परिणाम जारी करने का निर्देश दिया। आयोग ने फिर से परिणाम जारी कर दिया तथा 13 जनवरी 2020 को साक्षात्कार के बाद अंतिम परिणाम भी जारी कर दिया। याची का चयन नहीं हो सका।
उसने दोबारा याचिका दाखिल कर कहा कि प्रश्न संख्या 37 को आयोग ने पहली आंसर की में डिलीट कर दिया था। जबकि बीएचयू की एक्सपर्ट कमिटि के अनुसार याची का जवाब सही था। इसके बाद संशोधित परिणाम जारी करने पर भी उन्होंने उस प्रश्न को शामिल नहीं किया। यदि उस प्रश्न को शामिल किया जाता तो याची को 4.70 अंक का लाभ मिलता और उसका चयन हो जाता। कोर्ट ने इस संबंध में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का है।
Source: International