अमेरिका के राष्ट्रपति की ताज विजिट को यादगार बनाने के लिए यूपी सरकार मेहमान राष्ट्रपति के स्वागत और सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम करने में जुट गई है। तैयारियों का जायजा लेने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार शाम को खुद आगरा आ रहे हैं।
पुलिस प्रशासन ने अभी से सुरक्षा व्यवस्था का रोडमैप तैयार करना शुरू कर दिया है। हालांकि इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था तो अभेद्य हो परंतु ऐसी न हो कि राष्ट्रपति का काफिला जिन सड़कों से गुजरे वे एकदम खाली हों और शहर ‘भुतहा’ नजर आए। 20 साल पहले आगरा आए अमेरिकी के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के समय में ऐसा ही हुआ था, उन्होंने इसे ‘सिटी ऑफ घोस्ट्स’ कहा था।
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साल 2000 में आए थे क्लिंटन
दरअसल 20 साल पहले साल 2000 में आगरा आए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को खेरिया एयरपोर्ट से ताजमहल तक के पूरे रूट पर सुरक्षा कर्मियों के अलावा एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया था। तब ताजमहल की खूबसूरती की अमेरिकी राष्ट्रपति ने तारीफ तो की थी लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से सड़कों को जनशून्य कर बरती गई सतर्कता पर बिल क्लिंटन ने पूछ लिया था कि, ‘क्या यह शहर भुतहा है।’
सड़क किनारे नजर आएंगे 25 हजार स्टूडेंट्स
यूपी शासन और जिला प्रशासन अब ट्रंप के आगमन पर फिर से ऐसी कोई गलती दोहराना नहीं चाहता। इसीलिए कोशिश यह की जा रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के काफिले के रूट पर सुरक्षाकर्मियों के बजाय शहर के लोग स्वागत और अभिनन्दन करते हुए नजर आएं। इसीलिए तैयारी की जा रही है कि एयरपोर्ट से ताजमहल तक के रूट पर दोनों ओर भारत-अमेरिकी ध्वज लहराते 25 हजार जोशीले छात्र-छात्राएं ट्रंप का स्वागत करें और ट्रंप के काफिले के रूट के प्रमुख चौराहों पर कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देते नजर आएं।
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आम आदमी भी जोश में है
वैसे ट्रंप के स्वागत को लेकर सरकारी तंत्र तो युद्धस्तर पर जुटा है ही, रूट किनारे रहने वाले लोग भी उत्साहित हैं। कोई अपने ही हाथों से घर की दीवार तोड़ रहा है तो कोई अपना खोखा हटा रहा है, सिर्फ इसलिए कि जब डोनाल्ड ट्रंप यहां से गुजरें तो उन्हें ये भी अहसास करा पाएं कि आगरा भुतहा नहीं, जिंदादिल लोगों का शहर है।
Source: International