ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट के क्षेत्राधिकार को चुनौती

विकास पाठक, वाराणसी
और परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने पर सुनवाई कर रही कोर्ट के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी गई है। सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड की ओर से क्षेत्राधिकार को लेकर दाखिल अर्जी पर सोमवार को सुनवाई 20 फरवरी तक के लिए टल गई। स्‍वयंभू ज्‍योतिर्लिंग भगवान विश्‍वेश्‍वर की ओर से दायर मुकदमे की सुनवाई 22 साल बाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन-फास्‍ट ट्रैक कोर्ट) की कोर्ट में शुरू हुई है।

विपक्षी अंजुमन इंतजामिया म‍स्जिद और सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड (लखनऊ) की ओर से लगातार आपत्तियां दाखिल किए जाने से ज्ञानवापी मस्जिद और परिसर का पुरातात्‍विक सर्वेक्षण कराने की अर्जी पर सुनवाई टलती रही है। कोर्ट ने बीते 4 फरवरी को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की आपत्तियां खारिज कर दी थी।

सोमवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन-फास्‍ट ट्रैक) आशुतोष तिवारी की कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होने पर सुन्‍नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्‍ता मो.तौहीद खां ने कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वक्‍फ अधिनियम के मुताबिक वक्‍फ संपत्ति मामले की सुनवाई सिविल कोर्ट नहीं कर सकती है। वक्फ ट्राइब्यूनल को ही सुनवाई का अधिकार है।

मुकदमे में कोर्ट द्वारा नियुक्‍त वाद मित्र विजय शंकर रस्‍तोगी ने सुन्‍नी वक्फ बोर्ड की आपत्ति पर कड़ा प्रतिवाद किया। वाद मित्र का कहना था कि वक्फ ट्राइब्यूनल को वक्फ संपत्ति से संबंधित गैर मुस्लिम द्वारा दाखिल वाद की सुनवाई का अधिकार नहीं है। सिविल कोर्ट में ही ऐसे मामले की सुनवाई हो सकती है। प्रारंभिक बहस सुनने के बाद वक्‍फ बोर्ड की आपत्ति पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने तीन दिन बाद यानी 20 फरवरी की तिथि मुकर्रर की है।

Source: International

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *