टीचरों को अल्टिमेटम, आंदोलन के लिए छुट्टी नहीं

भुवनेश्वर
सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के टीचरों को अल्टिमेटम देते हुए ओडिशा सरकार ने साफ किया है कि किसी आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए छुट्टी नहीं ली जा सकती है। छुट्टी लेना अधिकारों का विषय नहीं है। सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल्स को खत लिखते हुए मंगलवार को उच्च शिक्षा विभाग ने साफ किया कि टीचिंग या नॉन-टीचिंग स्टाफ सिर्फ अप्रूव होने के बाद ही छुट्टी ले सकता है। आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए छुट्टी का आवेदन स्वीकार करने पर प्रिंसिपल को जिम्मेदार समझा जाएगा।

‘अधिकार का विषय नहीं है छुट्टी’
खत में यह भी कहा गया कि विभाग ने ‘नो वर्क, नो पे’ भी लागू करने का फैसला किया है जिससे बिना अप्रूवल के छुट्टी लेने पर सैलरी काटी जाएगी। खत में कहा गया है, ‘कॉलेजों का दौरा करने पर यह देखा गया है कि कई टीचर और नॉन-टीचिंग स्टाफ बिना प्रिंसिपल से पहले से लीव लिए या जानकारी दिए छुट्टी ले लेते हैं। इस संदर्भ में यह साफ किया जाता है कि संबंधित सेवा नियम/ छुट्टी के नियम के तहत, छुट्टी लेना अधिकार का विषय नहीं है। एक कर्मचारी तभी छुट्टी ले सकता है जब उसकी अथॉरिटी ने उसे इजाजत दी हो।’

काटी जाएगी सैलरी
खत में यह भी साफ किया गया है कि बिना इजाजत के छुट्टी लेने पर इसे अनाधिकृत अनुपस्थिति समझा जाएगा और इस अवधि की सैलरी काटी जाएगी। विभाग ने प्रिंसिपलों को यह निर्देश भी दिए कि किसी भी तरह के आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए कर्मचारियों को छुट्टी न दें। ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेना अनाधिकृत अनुपस्थिति माना जाएगा। इसे सख्ती से देखा जाएगा जिससे सरकार कर्मचारियों को समय से पहले रिटायर किया जा सकता है और सहायता प्राप्त संस्थानों के कर्मचारियों से फंड वापस लिया जा सकता है।

Source: National

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *