शाहीन बाग: 'गद्दार कहा है, हम पीछे नहीं हटेंगे'

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों की टीम ने बुधवार को दिल्ली के शाहीन बाग का दौरा किया जहां 2 महीने से ज्यादा वक्त से मुख्य सड़क को जाम कर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन एक साथ तो पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्लाह अलग से प्रदर्शनकारियों से मिले। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों के सामने अपना पक्ष रखते हुए अपना दर्द बयां किया। ‘दादी’ के नाम से चर्चित बुजुर्ग ने तो दो टूक कह दिया कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश हुई और अब अगर कोई गोली भी चला दे तब भी एक इंच पीछे नहीं हटेंगे। गतिरोध नहीं टूटा और अब गुरुवार को फिर बातचीत होगी।

प्रदर्शनकारियों से बातचीत की यह पहली कोशिश
संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने बुधवार को शाहीन बाग पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू की। इस दौरान धरने पर बैठीं महिलाएं अपने दिल की बात कहते समय भावुक और नाराज नजर आईं। शाहीन बाग में बीते दो महीने से सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत की यह पहली कोशिश थी। वार्ताकारों अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के साथ पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला महिलाओं से बातचीत करने और गतिरोध को तोड़ने की कोशिश में शाहीन बाग पहुंचे। शाहीन बाग सीएए विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बना हुआ है। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर को खत्म किए जाने के बाद ही यहां से उठेंगे।

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‘दादी’ बोलीं- चाहे कोई गोली भी चला दे,एक इंच भी नहीं हटेंगे
महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने वार्ताकारों के सामने अपनी-अपनी बात रखने की कोशिश की। ‘दादी’ के नाम से चर्चित बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि जबतक सीएए वापस नहीं लिया जाता तबतक वे वहां से नहीं हटेंगे। बिल्किस ने कहा, ‘उन्होंने हमें गद्दार कहा। जब हमने अंग्रेजों को देश से बाहर निकाल दिया, तो नरेन्द्र मोदी और अमित शाह क्या चीज हैं? अगर कोई हम पर गोली भी चला दे, तब भी हम एक इंच पीछे नहीं हटेंगे। आप एनआरसी और सीएए को खत्म कर दो, हम एक सेकंड से पहले जगह खाली कर देंगे।’

हमें भी दिक्कत पर संविधान बचाने के लिए हैं सड़क पर: प्रदर्शनकारी
वार्ताकारों से बात करते समय एक महिला रो पड़ी। महिला ने कहा कि वे संविधान को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन लोगों को केवल यात्रियों को हो रही असुविधा दिख रही है। वे चाहें तो कई अन्य रास्तों से आ जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या हमें सर्द रातों में बिना खाना के, बिना अपने बच्चों के यहां बैठकर असुविधा नहीं हो रही। हम खुद भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, हम नागरिकों के लिए कैसे परेशानी बन सकते हैं?’ महिला ने कहा कि ऐंबुलेंस और वाहनों को रास्ता नहीं देने के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने रोड जाम नहीं कर रखा। बल्कि केन्द्र सरकार ने देश में आजादी पर रोक लगा रखी है।’

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‘हम कोई घुसपैठिए नहीं जो चले जाएंगे’
एक अन्य महिला ने विरोध प्रदर्शनों को अपने लिए मानसिक आघात बताया। उन्होंने कहा, ‘हम रात में सो नहीं पा रहे हैं और यहां हर महिला डरी हुई है। हमारा धर्म हमें आत्महत्या की इजाजत नहीं देता लेकिन हम हर दिन मर रहे हैं। हमारी हालत बीमारों जैसी हो गई है जो मौत मांग रहे हैं।’ इस महीने की शुरुआत में प्रदर्शन स्थल पर गोली चलने की घटनाओं से दहशत फैल गई थी। कई महिलाओं ने कहा कि वे पीढ़ियों से इस इलाके में रह रही हैं। उन्होंने कहा, ‘हम कोई घुसपैठिए नहीं हैं, जो चले जाएंगे।’ अब गुरुवार को बातचीत होगी।

वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों को सुनाया कोर्ट का आदेश
इससे पहले, साधना रामचंद्नन ने प्रदर्शनस्थल पर बड़ी संख्या में जमा लोगों से कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शन करने के आपके अधिकार को बरकरार रखा है। लेकिन अन्य नागरिकों के भी अधिकार हैं, जिन्हें बरकरार रखा जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हम मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहते हैं। हम सबकी बात सुनेंगे।’ महिलाओं द्वारा व्यक्त की गईं चिंताओं पर रामचंद्रन ने कहा कि ये सभी बिंदु सुप्रीम कोर्ट के सामने रखे जाएंगे और इन पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इससे पहले हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में बताया। रामचंद्रन ने उसका हिंदी में अनुवाद किया।

SC ने कहा था- सड़क की नाकेबंदी से लोगों को परेशानी
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि शाहीन बाग में सड़क की नाकाबंदी से परेशानी हो रही है। न्यायालय ने प्रदर्शनकारियों के विरोध के अधिकार को बरकरार रखते हुए सुझाव दिया कि वे किसी अन्य जगह पर जा सकते हैं जहां कोई सार्वजनिक स्थान अवरुद्ध न हो। बता दें कि 16 दिसंबर से जारी धरने के चलते दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बंद है, जिससे यात्रियों और स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हो रही है।

Source: National

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