उन्होंने कहा, ‘मैं दो दिन से सोया नहीं हूं और आज काफी थकान लग रही थी। मैं जैसे गेंदबाजी करना चाहता था, वैसे कर नहीं पाया हूं। मुझे खेलने के लिए कहा गया और मैं खेला। टीम के लिए कुछ भी कर सकता हूं।’
उन्होंने कहा,‘ऐसा नहीं है कि मैं अपनी गेंदबाजी से खुश नहीं हूं। मैं अपने शरीर से खुश नहीं था क्योंकि पिछली रात मैं 40 मिनट ही सो सका था। टेस्ट मैच से पहले मैं तीन घंटे ही सो सका था।’ इशांत ने कहा, ‘यात्रा की थकान से जल्दी उबरने से आप मैदान पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं । अच्छी नींद से बेहतर रिकवरी कुछ नहीं है।’
उन्होंने कहा कि चोट लगने के बाद उन्हें लगा था कि वह टेस्ट मैच नहीं खेल सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘सारा श्रेय एनसीए सहयोगी स्टाफ को जाता है क्योंकि उन्होंने काफी मेहनत की। हमें लगा नहीं था कि मैं टेस्ट खेल सकूंगा क्योंकि चोट ही ऐसी थी। मैने सोचा कि अगर खेल सका तो खेलूंगा वरना क्या कर सकते हैं। अगर चोट लगनी ही है तो आप टायलेट में भी गिर सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैने एनसीए पर दो दिन में 21 ओवर डाले और तभी मुझे लगा कि मैं खेल सकता हूं। इतना लंबा सफर करके यहां आने से हालांकि काफी थकान हो गई।’’
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