क्या रहाणे और विहारी लगा पाएंगे भारत की नैया पार?

वेलिंग्टन
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में टीम इंडिया अभी तक कोई मैच नहीं हारी है। टीम ने वेस्ट इंडीज, साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश को सीरीज में मात दी है। टीम इंडिया ने अभी तक चैंपियनशिप में कोई मैच नहीं गंवाया है। लेकिन न्यूजीलैंड के बेसिन रिजर्व मैदान पर पहली बार कोहली ऐंड कंपनी परेशानी में नजर आ रही है। भारतीय टीम पहली पारी में सिर्फ 165 रनों पर सिमट गई और कीवी टीम ने निचले क्रम के बल्लेबाजों की मदद से 348 रन बनाकर 183 रन की बढ़त हासिल की।

दूसरी पारी में भी टीम इंडिया बैकफुट पर
पहली पारी में लड़खड़ाने के बाद उम्मीद थी कि वापसी की। ऐसी उम्मीद थी कि कीवी टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का जो फैसला किया उसका उसे फायदा हुआ। उसके बोलर्स ने हवा, उछाल, स्विंग और रफ्तार की चौकड़ी का अच्छा इस्तेमाल किया। और शायद दूसरी पारी में जब हालात बल्लेबाजी के लिए बेहतर होंगे तो सितारों से सजी टीम इंडिया वापसी करेगी। पृथ्वी साव पहली पारी में 16 रन बनाकर बोल्ड हो गए थे। लगा था कि इस बार वह बेहतर करेंगे लेकिन पिछली बार बोल्ड होने वाले साव इस बार शॉर्ट बॉल पर फंसे। वह गेंद का इंतजार करने के बजाए उसकी ओर जाते दिखे। बीती दो पारियों में वह जैसे आउट हुए हैं कुछ सवाल उनकी तकनीक पर भी उठने लगे हैं। चेतेश्वर पुजारा चायकाल से पहले बोल्ट की गेंद को छोड़न के चक्कर में बोल्ड हो गए।

रहाणे और विहारी क्रीज पर
दूसरी पारी में भारत ने चार विकेट पर 144 रन बना लिए हैं और वह न्यूजीलैंड के स्कोर से 39 रन पीछे है। क्रीज पर 25 और 15 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे हैं। भारतीय टीम को इस जोड़ी से करिश्मे की उम्मीद होगी। इस जोड़ी को कुछ वैसा ही खेलना होगा जैसा 2001 के ईडन गार्डन मैदान पर वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने बल्लेबाजी की थी।

कौन भूल सकता है वह मैच
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस मैच में ऑस्ट्रेलिया के 445 रनों के जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में सिर्फ 171 रन के स्कोर पर आउट हो गई थी। दूसरी पारी में टीम का स्कोर 4 विकेट 232 रन था। ऐसे में लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया मैच आसानी से जीत जाएगा। लेकिन इसके बाद जो हुआ वह इतिहास के पन्नों में दर्ज है। वीवीएस लक्ष्मण, जिन्हें उस मैच में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया था, ने राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर लाजवाब साझेदारी की। पूरे दिन ऑस्ट्रेलियाई बोलर विकेट के लिए तरसते रहे। दोनों ने 374 रन जोड़े। लक्ष्मण ने तब का भारतीय बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर (284) बनाया। द्रविड़ ने 180 रन बनाए। कंगारू टीम, जो जीतती नजर आ रही थी, के सामने अब 384 रन का लक्ष्य था। हरभजन सिंह ने छह और सचिन तेंडुलकर ने तीन विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में 212 रन पर आउट हो गया। भारत ने 171 रन से जीत हासिल की।

रहाणे और विहारी दोहरा पाएंगे वह इतिहास!
रहाणे का न्यूजीलैंड में रेकॉर्ड अच्छा है। उन्होंने न्यूजीलैंड में सेंचुरी लगाई थी। वहीं विहारी भी इंग्लैंड में दिखा चुके हैं कि उनके पास टिककर खेलने की तकनीक है। अगर भारत को इस मैच में कुछ करना है तो न्यूजीलैंड के सामने 200 से ऊपर का लक्ष्य रखना होगा। इस जोड़ी के बाद ऋषभ पंत बल्लेबाजी करने आएंगे और फिर रविचंद्रन अश्विन भी हैं। अश्विन भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। और इन खिलाड़ियों को बल्ले से दम दिखाना होगा।

अग्रवाल ने दिखाया धैर्य
इससे पहले, भारत की ओर से सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने टिककर बल्लेबाजी की। उन्होंने शुरुआत में स्विंग का सामना किया और फिर उछाल का। युवा बल्लेबाज ने धैर्य और संयम का परिचय दिया और अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की। उन्होंने 58 रन बनाए। हालांकि वह एक अनलकी रहे की लेग स्टंप की बाहर की गेंद को फ्लिक करने के प्रयास में विकेट के पीछे लपके गए। उन्होंने हालांकि कोहली के कहने पर रिव्यू लिया लेकिन अंपायर का फैसला सही साबित हुआ।

कोहली भी सस्ते में लौटे
कीवी गेंदबाजों ने शॉर्ट बॉल का इस्तेमाल कप्तान कोहली पर भी जारी रखा। बाएं हाथ के गेंदबाज बोल्ट ने लगातार छोटी गेंद से भारतीय कप्तान के संयम को परखा। कोहली ज्यादातर मौकों पर सहज नजर आए। ऐसा लग रहा था कि कप्तान हालात को देखते हुए अपनी आक्रामक क्षमता पर काबू रखा और रुककर खेलते रहे। हालांकि एक शॉर्ट बॉल पर वह पुल करने गए और गेंद बल्ले की छूती हुई विकेटकीपर वॉटलिंग के दस्तानों में गई। और कोहली 18 रन बनाकर आउट हो गए।

Source: Sports

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