नई दिल्लीराष्ट्रपति ने ‘ के लक्ष्य’ पर आगे बढ़ने के लिए भारतीय न्यायपालिका के प्रयासों की रविवार को प्रशंसा की और कहा कि हमेशा से ‘सक्रिय और प्रगतिशील’ रहा है। ‘न्यायपालिका और बदलती दुनिया’ विषयक अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 में राष्ट्रपति ने कहा कि शीर्ष अदालत ने ‘प्रगतिशील सामाजिक परिवर्तन’ की अगुआई की है।
राष्ट्रपति दो दशक पुराने विशाखा दिशा-निर्देशों का जिक्र किया जो कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए लागू किया गया था। कोविंद ने कहा, ‘अगर एक उदाहरण दें तो जेंडर जस्टिस के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट हमेशा से सक्रिय और प्रगतिशील रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘वर्क प्लेस पर पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए दो दशक पहले दिशा-निर्देश जारी करने से लेकर सेना में महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के लिए इस महीने निर्देश जारी करने तक सुप्रीम कोर्ट ने प्रगतिशील सामाजिक परिवर्तन की अगुआई की है।’
Source: National