छपारा का गौठान बना गायो के लिए मौत का सबब ,सरपंच और पंच मिल कर रहे मनमानी

रायपुर से महज 15 किलोमीटर दूरधरसीवा विकासखंड के अंतर्गत स्थित ग्राम छपारा में बने गौठान की हालत अब दयनीय स्थिति में पहुच गई है ,गौठान में लगे सोलर पम्प से प्यासी गयो की प्यास बुझाने की जगह दबंग  खेत की सिचाई करवा रहे है ,गौठान से सटे बाउंड्री के पास ही मृत गायो के अवशेष पड़े हुए है ,जिसे गाव के ही आवारा कुत्ते नोच नोच कर खा रहे है ,साथ ही बदबू से लोगो का जीना मुहाल हो गया है ,गिद्धों की टोली मृत पड़ी गायो के मांस को नोच नोच कर अगल बगल के खेतो में भी फेक रहे ,जिससे आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती है ,जल्द ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो इस  गावको  भयानकऔर गंभीर  बिमारी की चपेट में आने से कोई नहीं रोक सकता! 

 

ये है पूरा मामला 

रायपुर ,हिंदुओं की धार्मिक भावना से जुड़ी गौ माता के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बनते ही गौठान बनाने का निर्णय लिया था इसके पीछे मकसद यह था कि गौ माता जो यहां वहां बैठ जाती थी जिससे कई बार दुर्घटनाएं भी होती थी,अक्सर जिससे जनधन की भयानक हानी भी होती है ! उससे बचना और साथ ही छत्तीसगढ़ की संस्कृति में विशेष महत्व रखने वाली गाय की देखभाल भी हो जाना जिससे कि पशुधन का विकास होकर किसानों की आजीविका में बढ़ोतरी हो सके।

किसानों के हित में सोचने वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने इन्हीं भावनाओं के साथ में अपनी महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बारी चलाई है , जिसका मुख्य उद्देश छत्तीसगढ़ के गांव और गांव में रहने वाले किसानों और लोगों का स्वर्णिम विकास है , लेकिन राजधानी रायपुर के निकट ही सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनाए गए गौठान का गलत इस्तेमाल कर निजी लाभ लिया जा रहा है! और पशुओं को मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है, इतना ही नहीं पशुओं के मरने के बाद उन्हें गौठान के नजदीक ही सड़ने के लिए छोड़ दिया जा रहा है, जिसे चील कौवे और गिद्ध नोच नोच कर खा रहे हैं।यह मामला

राजधानी रायपुर के निकट ही धरसीवा विकासखंड के ग्राम छपरा की है ,जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं यहां सरकार के द्वारा गायों के लिए बनाए गए गौठान का पंच और सरपंच अपनी मिलीभगत से निजी स्वार्थ के लिए गलत उपयोग कर रहे हैं सरकार द्वारा गायों के लिए उपलब्ध कराए गए पंप का यह निजी उपयोग करके उसे व्यक्तिगत तौर पर पैसा कमाने के लिए सिंचाई में उपयोग में ला रहे हैं और दूसरों को इसका पानी दे रहे हैं, इतना ही नहीं गौठान के लिए सरकार द्वारा जारी धन का भी यहां धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है जहां मवेशियों को मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है और मरने के बाद उन उनको को गिद्धों के लिए खुले में छोड़ दिया जा रहा है जिससे वहां बीमारी फैलने की भी आशंका बढ़ती जा रही है।

इस बारे में जब ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि दबंग पंच और सरपंच की मिलीभगत से यह पूरा काम चल रहा है उन्होंने डरे सहमे हुए तरीके से बताया कि लंबे समय से यह गोलमाल यहां चल रहा है, और सरकार द्वारा दी जा रही राशि का दुरुपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है उन्होंने बताया कि सौर पंप का उपयोग खेतों में पानी की सिंचाई करने में लिया जा रहा है, जबकि उसका वास्तविक काम गाय के लिए पानी की व्यवस्था करने था ग्रामीणों ने बताया कि पूरे गांव में इनका कोई विरोध नहीं कर सकता और यह धड़ल्ले से गाय और गौठान की राशि डकार जाते हैं! उन्होंने बताया कि जानवरों की मृत्यु होने के बाद भी उन्हें खुले में छोड़ दिया जा रहा है जिससे कि बाकी पशुओं के भी बीमार होने की संभावना प्रबल हो जाती है, साथ ही ग्रामीणों के भी बीमार होने की संभावना बनी रहती है।

एक ओर जहां छत्तीसगढ़ की सरकार और यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की पहचान नरवा गरवा घुरवा बारी को सहेजने में लगे हैं, वहीं राजधानी रायपुर से लगे हुए इस क्षेत्र में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का धड़ल्ले से मजाक बनाया जा रहा है और इस ओर किसी का ध्यान भी नहीं जा रहा है यह समझ से परे है।

क्यू नहीं हो रही जाँच 

वही ग्रमीणों  की माने तो जब से गौठान की स्थापना की गई है तब से आज दिनांक तक यह किसी भी प्रकार की साफ़ सफाई व बीमार गायो के इलाज की व्यवस्था नहीं की गई है ,जिससे आए दिन यहाँ गौठानो में गाय मीर्तु  दर में बढ़ोत्तरी ही हुई है ,यदि प्रशासन जल्द ही कोई कड़ी कार्यवाही नहीं करता है तो इस गौठान में आई गाए अकारण ही काल के गाल में समा जाएगी ,

सरकार की योजना को लग रहा पलीता 

गौठान में लगे सोलर पैनल व पम्प  का दुरूपयोग कर खेतो में बिजली और पानी पहुचाया जा रहा है ,जिससे गाय भूख और प्यास से तड़प तड़प कर मर रही है ,मानवीय क्रूरता का उदहारण ग्राम छपरा के गौठान में देखने को मिल रहा है ,क्या सरकार की इस भावी योजनाओ पर भी पलीता लगाने के लिए इस तरह गौठान की योजनाओ को धरातल से गर्त की ओर धकेला जा रहा है !

 

इनका कहना है ……

1.इस मामले को लेकर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा गठान को लेकर के साथ सरकार पता नहीं क्या कर रही है, मैं तो केवल नारे ही नारे सुन रहा हूं। गोठाना जैसा स्थान बन गया जहां सबसे ज्यादा गाय मर रही है, वहां न गाय के भोजन पानी की व्यवस्था है ना कुछ इंतजाम है इसको लेकर के केवल एक आपराधिक काम हो रहा है जहां गाय को ले जा करके छोड़ दिया जाता है और गायों को देखने वाला चिंता करने वाला वहां कोई नहीं है। गायों की जो मौत हो रही है उसके लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और ऐसी गौशालाओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

 डॉ .रमन सिंह 

पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा रास्ट्रीय उपाअध्यक्ष

२,वही कांग्रेस पार्टी का कहना है की ,नरवा गरवा घुरुवा बाड़ी योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की महत्वकांक्षी योजना है ,इस मामले में यदि कही कोताही हुई होगी तो दोषियों पर निश्चित रूप से कड़ी से कड़ी कार्यवाही होगी ,

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