अपराध का गढ़ कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़ जिला अब मेधावियों का गढ़ बन गया है। मेहनत से मेधा को निखारकर मेधावियों ने परीक्षा में टॉप करके जिले के नाम का रोशन करने का जो काम किया है, उससे प्रतापगढ़ के हर व्यक्ति को गर्व महसूस हो रहा है। अपराध के चलते जिले के नाम पर लगे दाग को मिटाने का काम प्रतापगढ़ के कुंडा तहसील के किलहनापुर गांव के अमित शुक्ला ने इस परीक्षा को टॉप करके किया है। वहीं, इस जिले के बेल्हादेवी मंदिर के पास रहने वाली मीनाक्षी पांडेय ने टॉपर लिस्ट में तीसरे नंबर के साथ महिलाओं के वर्ग में टॉप करके जिले के नाम को आगे बढ़ाने का किया है।
यूपीपीसीएस के टॉप टेन की लिस्ट में प्रतापगढ़ के मेधावियों के नाम की हैट्रिक जिले की दिव्या ओझा ने नौवां स्थान हासिल करके लगाने का काम किया है। प्रतापगढ़ में जन्म लेने के बाद पिता उमाकांत शुक्ला की प्राइवेट नौकरी के चलते अमित शुक्ला प्रयागराज आ गए। फाफामऊ के गंगा गुरुकुलम में प्रारंभिक पढ़ाई के बाद वह बीटेक करने भोपाल पहुंच गए। बीटेक करने के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी जुट गए। एएनएम के पद पर तैनात अमित की मां क्षमा शुक्ला के हौसला बढ़ाने के साथ लक्ष्य हासिल करने के लिए जुटे रहने वाले अमित का 2016 में कमर्शल टैक्स ऑफिसर पद पर भी चयन हुआ लेकिन वह और बेहतर करने के लिए जुटे रहें।
अमित शुक्ला बोले- अपराध नहीं,प्रतिभा के कारण जाना जाए प्रतापगढ़
यूपीपीसीएस-2017 में टॉप करके अमित शुक्ला ने जिले का नाम रोशन किया है। अमित कहते हैं कि अपनी जन्मभूमि प्रतापगढ़ से उनका जुड़ाव हमेशा रहा है और रहेगा। उन्होंने कहा, ‘प्रतापगढ़ का नाम जब अपराध से जुड़ी खबरों में भोपाल में पढ़ता था तो बहुत दुख होता था। जिले का नाम मेधावियों के गढ़ में बरकरार रहे यही अभिलाषा है।’
यूपीपीसीएस में महिलाओं के वर्ग में टॉप और ओवरआल टॉपर लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहीं मीनाक्षी पांडेय अपने चयन का श्रेय माता-पिता के साथ कुछ मित्रों और शिक्षकों को देती हैं। मीनाक्षी ने अंग्रेजी और इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद दिल्ली में रहकर तैयारी भी की। 2016 में भी सफलता मिली लेकिन नायब तहसीलदार का पद मिला लेकिन इससे उन्हें संतुष्टि नही मिली। जिसके बाद वह आगे की तैयारी में जुट गईं और 2017 के रिजल्ट आने के बाद टॉप फाइव में तीसरा स्थान होने के साथ उनका चयन एसडीएम के पद पर चयन हुआ।
मीनाक्षी की दादी ने हमेशा दिया अफसर बनने का हौसला
मीनाक्षी का कहना है कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी, उसको पूरी मेहनत और लगन के साथ निभाएंगी। साथ ही सरकार और जनता के भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करेंगी। प्रतापगढ़ जिले का नाम अपराध का गढ़ बताकर मीडिया में आने को लेकर वह भी अमित शुक्ला की तरह खिन्न हो जाती हैं। वह चाहती हैं कि जिले के छात्र मेहनत करके प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का झंडा गाड़कर नाम रोशन करें। मीनाक्षी ने अपनी दादी विमला पांडेय को भी याद किया, जो हमेशा बेटी को अफसर बनने का हौसला देती थीं। वह कहती थीं कि तुम अफसर जरूर बनोगी, मैं तुम्हारी सरकारी गाड़ी से दफ्तर तक चलूंगी। दादी अब नहीं रहीं लेकिन उनका आशीर्वाद आज भी मीनाक्षी को हमेशा ताकत देता है।
यूपीपीसीएस की परीक्षा में प्रतापगढ़ जिले के मेधावियों ने परचम फहराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रतापगढ़ की ही दिव्या ओझा भी टॉप टेन में जगह बनाने में सफल रही हैं। वह नौवें स्थान पर रहीं और उन्हें भी एसडीएम का पद मिला है। दिव्या पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवकांत ओझा की भतीजी और तिलक कालेज के प्राचार्य निशाकान्त ओझा की बेटी हैं। दिव्या अपनी सफलता का श्रेय परिवार के साथ देने के साथ मित्रों और शिक्षकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रतापगढ़ की माटी को नमन करती हैं। उनका कहना है प्रतापगढ़ अपराध नहीं मेहनतकशों का गढ़ है। चंद भटके नौजवानों के कारण जिले का नाम बदनाम करने का हक किसी को नहीं हैं।
Source: UttarPradesh