अनौपचारिक शिखर बैठक होने के चलते चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी सिर्फ पैंट और शर्ट में दिखे। प्रधानमंत्री मोदी के वेष्टि और शर्ट में नजर आने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। तमिलनाडु में मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की नजर अपने गठबंधन सहयोगी एआईएडीएमके के जरिए बीजेपी के लिए इस ‘अभेद्य किले’ में पैठ जमाने की होगी। तमिलनाडु बीजेपी की प्राथमिकता सूची में शामिल है क्योंकि हालिया चुनाव में दक्षिण के इस सूबे में मोदी मैजिक काम नहीं कर पाया।
मोदी के वेष्टि पहनने के पीछे हैं राजनीतिक और पारंपरिक दोनों कारण
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव के मुताबिक, शिखर वार्ता के लिए तमिलनाडु का चुनाव बीजेपी के लिए भी बेहद मुफीद है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के बारे में धारणा है कि यह एक हिंदी पार्टी है। मोदी के तमिलनाडु दौरे में इजाफा से यह समझ बढ़ेगी कि सूबा हमारे लिए राजनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है।’ ऐसे में पीएम मोदी के वेष्टि पहनने को भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। दूसरी ओर, पारंपरिक नजरिए से देखें तो तमिलनाडु में वेष्टि या लुंगी या एक विशेष प्रकार की धोती पुरुषों के मुख्य परिधानों में से एक है। तमिलनाडु के लोगों का वेष्टि के साथ भावनात्मक संबंध है। ऐसे में ऐतिहासिक नगर महाबलीपुरम में हो रही मुलाकात के मौके पर प्रधानमंत्री ने स्थानीय कल्चर को ध्यान में रखते हुए ही इस परिधान को चुना है।
महाबलीपुरम से है चीन का पुराना रिश्ता
बता दें कि महाबलीपुरम का चीन के साथ काफी पुराना रिश्ता रहा है। 18वीं सदी में यहीं पर तत्कालीन पल्लव राजा और चीन के शासक के बीच सुरक्षा समझौता हुआ था। साथ ही यह प्राचीन शहर अपने इतिहास और मंदिरों को लेकर जाना जाता है। शहर के समुद्र तट पर बने मंदिरों के समूह को चट्टानों को काटकर बनाया गया है।
मोदी और चिनफिंग के बीच दो दिवसीय शिखर वार्ता के लिए कूटनीतिक तौर पर इस जगह को चुना गया है। समुद्र किनारे स्थित प्राचीन शहर के मंदिर प्रांगण में बुलेटप्रूफ स्ट्रक्चर तैयार किए गए हैं। शुक्रवार को मंदिर में पारंपरिक कार्यक्रमों के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनका डिनर का कार्यक्रम है। शनिवार को दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत के बाद चिनफिंग दोपहर करीब 1:30 बजे यहां से रवाना हो जाएंगे।
Source: National