यूपी के गोरखपुर में जेल में हुए दंगे के मामले में 250 से ज्यादा बंदियों पर शाहपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इनमें से 21 नामजद हैं। इस पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है। डीआईजी जेल जांच के लिए पहुंच गए हैं। बताया गया है कि इस समय जेल में हालात काबू में हैं। एडीएम सिटी भी आज अपनी जांच शुरू करेंगे।
इससे पहले शुक्रवार सुबह लगभग 6 बजे जेल के अंदर हुए बवाल में कैदियों ने एक गाड़ी भी जला दी और पेड़ पर चढ़कर पुलिसकर्मियों पर ईंट-पत्थरों से हमला किया था। जानकारी मिलने के बाद भारी पुलिस बल के साथ एडीएम और एसपी सिटी मौके पर पहुंचे। हालात बेकाबू होने के बाद कई थानों की पुलिस को मौके पर बुलाया गया है।
पढ़ें:
गुरुवार को कैदियों में हुई थी मारपीट
गौरतलब है कि, गुरुवार को गोरखपुर जिला जेल से कोर्ट में पेशी के लिए गए कुछ कैदियों ने अदालत परिसर में आपस में मारपीट की थी। इसी प्रकरण की जांच के लिए सीओ क्राइम प्रवीण सिंह गुरुवार को जेल पहुंचे थे और उन्होंने वहां कैदियों से पूछताछ के बाद उन्हें शांति से रहने तथा ऐसी घटना न दोहराने की हिदायत दी थी। इसी बात को लेकर जेल में बंद दो कैदियों कोईल यादव और गोविंद यादव ने जेलर के सामने आपत्ति दर्ज कराई थी।
जेलर की बात नागवार गुजरी
जेलर ने दोनों कैदियों से अपनी शिकायत लिखकर देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वह इस शिकायत को उच्चाधिकारियों के सामने रखेंगे। जेलर की यही बात कैदियों को नागवार गुजरी और उन्होंने जेल परिसर में गोलबंदी शुरू कर दी। वे जेलर प्रेम सागर शुक्ल और डेप्युटी जेलर प्रभाकांत पांडेय से उलझ गए और उनसे हाथापाई करने लगे। आरोप है कि उन्होंने जेल के सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ दिया और हंगामा करने लगे।
Source: UttarPradesh