शरद पूर्णिमा पर 'चमकी' की रात और हुस्न-ए-ताज का शबाब

अनिल शर्मा, आगरा
शरदपूर्णिमा पर ताज का चार दिनी रात्रिदर्शन शनिवार से शुरू हो गया है। पर सुप्रीम कोर्ट की बन्दिशों के चलते ताज का मशहूर ” मेला तो खत्म हो गया लेकिन आज भी इसका इतना क्रेज है कि शहर के सभी होटल और गेस्ट हाउस फुल हो चुके हैं। रविवार को शरद पूर्णिमा पर ताजमहल के नाइट विजन के सभी चार सौ टिकट आज बिक गए।

इस दिन का साल भर से बेसब्री से इंतजार कर रहे सैलानियों के लिए एक खुशखबरी यह है कि पर्यटक अब ताज के अंदर ही नहीं बल्कि मेहताब बाग से भी रात्रि दर्शन कर सकेंगे। तीन साल के लंबे इंतजार के बाद मेहताब बाग से चांदनी रात में ताज का दीदार करने के लिए बनाए गए ताज नाइट व्यू पॉइंट भी शनिवार से शुरू कर दिया गया है। यहां से अब के बाद हर पूर्णिमा को ताज के नाइट विजन की तमन्ना पूरी होगी। वैसे शनिवार की रात से ही महताब बाग में तमाम देशी-विदेशी सैलानी चमकी में ताज के हुस्न को कैमरे में कैद करते नजर आए। बता दें कि महताब बाग के बारे में किवदंती यह है कि ताज के पीछे यमुना पार इसी जगह पर ताजमहल की सिमिट्री में शाहजहां काला ताजमहल बनवाना चाहता था।

बेशक नाइट विजन के लिए दर्शक संख्या चार सौ तक सीमित कर दी गई हो लेकिन ताजगंज क्षेत्र की सभी ऊंची इमारतों की छतों पर पूरी रात ताज की चमकी का लुत्फ उठाने के लिए लोगों ने सैलानियों के लिए खास व्यवस्था की है। वैसे भी बारिश के मौसम के खत्म होने के बाद ताजमहल नया सा दिखता है। कारण यह है कि सालभर पर्यावरणीय धूल और तेजाबी बारिश से मलिन हुआ हुआ ताज का सफेद संगमरमर मॉनसूनी बारिश में साफ हो जाता है और इसका पीलापन भी कम हो जाता है। ताज के पिछवाड़े बह रही यमुना की जलधारा भी ताज की चाहरदीवारी तक आ जाती है। चारबाग शैली में बने ताज के बगीचे में भी खुशबूदार फूल खिल उठते हैं। सो ताज के अन्दर और बाहर अनुपम सौन्दर्य का सृजन हो जाता है।

ताजमहल सुप्रीम कोर्ट की कड़ी निगाहों का भी मरकज है। ताज का रात्रिदर्शन बन्द होने के बाद ताज के रात्रि विजन को फिर से शुरू करने की बात लगातार उठती रही तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नबम्बर 2004 में कुछ बंदिशों के साथ ताज का रात्रि दर्शन शुरू कर दिया गया। बन्दिश यह थी कि हर माह पूर्णमासी पर ताज का रात्रि दर्शन पांच दिन के लिए होगा। इसमें पूर्णिमा से दो दिन पहले और पूर्णिमा के दो दिन बाद तक नाइटविजन की मंजूरी दी गई थी। लेकिन यदि शुक्रवार बीच में है तो ताज महल बन्द रहेगा।

बन्दिश यह भी है कि 50-50 के बैच में सैलानियों के आठ ग्रुप तीस मिनट के अन्तराल से ताज के रात्रि दर्शन के लिए जाएंगे। यह सिलसिला रात्रि साढ़े आठ बजे से साढे़ बारह बजे तक चलेगा। पयर्टकों को ताज में घुसने से लेकर बाहर निकलने और मुख्य मकबरे को तीन सौ मीटर की दूरी से रैड सेन्डस्टोन प्लैटफॉर्म से ताज को निहारने के लिये मात्र तीस मिनट की मंजूरी है। इस साल शरद पूर्णिमा रविवार को है। पयर्टकों में इसे लेकर भारी उत्साह है। सभी दुआ कर रहे हैं कि शरद पूर्णिमा की रात को ताज पर बादलों का साया न हो। यदि ऐसा हुआ तो मून लाइट नहीं होगी और ताज के चांदनी रात में दीदार की हसरत अधूरी रह जाएगी।

Source: UttarPradesh

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