यकीन नहीं, इतनी कम उम्र में बेटे को नोबेल: मां

कोलकाता
अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार जीतने वाले की मां निर्मला बनर्जी अपने बेटे की उपलब्धि पर बेहद खुश हैं। साथ ही वह हैरान भी हैं कि अभिजीत को इतनी कम उम्र में नोबल पुरस्कार विजेता घोषित किया। वह बताती हैं कि अभिजीत बेशक एक ब्रिलिएंट स्टूडेंट रहे, लेकिन फिर भी वह क्लास में कभी फर्स्ट नहीं आए।

एक ब्रिलिएंट स्टूडेंट जो स्कूल लाइफ में कभी फर्स्ट नहीं आया, औसत स्पोर्ट्समैन, ओकेशनली कुक और एक पूरी तरह से एक फैमिली मैन- 83 साल की निर्मला बनर्जी अपने बड़े बेटे अभिजीत बनर्जी का कुछ इस तरह विवरण देती हैं। वह कहती हैं, ‘मैं गर्वित भी हूं और हैरान भी। वह (अभिजीत) हमेशा से प्रतिभाशाली रहे हैं, लेकिन मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि इतनी कम उम्र में उन्हें यह सम्मान मिलेगा। यह न सिर्फ मेरे लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्राउड मोमेंट हैं।’

छोटे बेटे ने मां को दी खुशखबरी
निर्मला उस वक्त किताब पढ़ रही थीं जब गुड़गांव में रहने वाले उनके छोटे बेटे अनिरुद्ध ने उन्हें फोन करके यह खबर दी। सारे न्यूज चैनल में भी यही खबर चल रही थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्मला के घर में मिठाइयों का डिब्बा और बुके भिजवाया। वह कहती हैं, ‘मुझे खुशी है कि उन्होंने उस समय नोबेल जीता जब पूरा देश कुछ अजीब अर्थव्यवस्था से जुड़े फैसलों को झेल रहा है।’

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वह (अभिजीत) हमेशा से प्रतिभाशाली रहे हैं, लेकिन मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि इतनी कम उम्र में उन्हें यह सम्मान मिलेगा। यह न सिर्फ मेरे लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्राउड मोमेंट हैं।

अभिजीत की पत्नी को भी मिला नोबल पुरस्कार
अभिजीत की पत्नी एस्तेय डिफ्लो को भी नोबेल पुरस्कार मिला है और निर्मला बनर्जी ने कहा कि उनकी बहू भी बेहद स्मार्ट है। अभिजीत बनर्जी भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं और फिलहाल वह मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में इकनॉमिक्स के प्रफेसर हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी की मां निर्मला बनर्जी ने कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है और वह अपने बेटे की उपलब्धि पर बहुत खुश हैं।

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सबसे कम उम्र की अर्थशास्त्री हैं अभिजीत की पत्नी
निर्मला ने कहा कि वह इस बात से भी खुश हैं कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की संयुक्त विजेता उनकी बहू एस्तेय डिफ्लो हैं। अपनी 47 वर्षीय बहू के बारे में निर्मला ने कहा, ‘वह युवा और होशियार हैं।’ डिफ्लो अर्थशास्त्र का नोबेल पाने वाली दूसरी महिला हैं। वहीं वह यह पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की अर्थशास्त्री भी है।

तीन लोगों को संयुक्त रूप से मिला नोबल
भारतीय-अमेरिकी बनर्जी, उनकी फ्रांसीसी-अमेरिकी पत्नी डिफ्लो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को सोमवार को संयुक्त रूप से 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार विजेता घोषित किया गया। निर्मला बनर्जी खुद सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेस में अर्थशास्त्र की प्रफेसर रही हैं और उनके पति दीपक बनर्जी तत्कालीन प्रेजिडेंसी कॉलेज (विश्वविद्यालय) में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख और प्रफेसर थे।

उन्होंने कहा, ‘ मैंने अभी उनसे (अभिजीत) बात नहीं की है। मुझे लगता है कि अमेरिका में इस समय रात है तो वह सो रहे होंगे।’ निर्मला बनर्जी ने कहा, ‘वह हमेशा होनहार और अनुशासित छात्र रहे।’ अभिषेक बनर्जी, 58 वर्ष, ने भारत में कलकत्ता विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की। इसके बाद 1988 में उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Source: National

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