47 वर्षीय गांगुली फिलहाल कॉमेंट्री भी करते हैं और विज्ञापनों से भी जुड़े हैं। इसी के चलते उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से काफी बड़ी रकम का नुकसान होगा। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया 2003 वर्ल्ड कप में उपविजेता रही थी। उन्हें बेहद आक्रामक कप्तान माना जाता था और वह अपने फैसलों पर अडिग रहते थे।
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माना जा रहा है कि क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के मौजूदा अध्यक्ष गांगुली को बीसीसीआई प्रमुख का पद संभालने से कॉमेंट्री छोड़नी पड़ेगी। इतना ही नहीं, उन्हें मीडिया कॉन्ट्रैक्ट और कमर्शल करार को भी एक तरफ रखना पड़ेगा। वह बीसीसीआई अध्यक्ष रहते हुए और उसके बाद भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं रहना होगा। वह विज्ञापनों के अलावा आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स से भी जुड़े हैं।
गांगुली के नामांकन के दौरान एन. श्रीनिवासन, राजीव शुक्ला और निरंजन शाह मौजूद थे। ऐसा पहली बार देखने को मिला जब बोर्ड के पुराने प्रशासक किसी एक उम्मीदवार के लिए साथ आए। गांगुली ने नामांकन के बाद कहा, ‘मेरी पहली प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेट को देखने की रहेगी। मैंने प्रशासकों की समिति (सीओए) से आग्रह किया था, लेकिन मेरी तब सुनी नहीं गई।’
Source: Sports