बनने से पहले पूर्व कप्तान ने की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह भारत की शान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह बिना किसी दबाव के काम करेंगे और क्रिकेट की सोच का इस्तेमाल करेंगे। बता दें कि सौरभ गांगुली ने सोमवा को बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है और उनके विरोध में कोई नहीं है। इसलिए उनका अध्यक्ष बनना तय है।
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में सौरभ गांगुली ने कहा, ‘यह पद मेरे लिए गौरव की बात है और मैं सहयोग करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देता हुं। ऐसा पद काबिलियत से ही हासिल किया जा सकता है।’ सौरभ ने कहा कि वह सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश करेंगे।
गांगुली ने कहा कि अगले साल टी-20 विश्व कप है और वह विराट कोहली को खुलकर खेलने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि मैच बोर्ड रूम में नहीं बल्कि मैदान में जीता जाता है। गौरतलब है कि बीसीसीआई के सेक्रटरी पद के लिए गृह मंत्री के बेटे जय शाह और कोषाध्यक्ष के पद के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल ने पर्चा भरा है।
अध्यक्ष बनने से गांगुली को कम से कम 7 करोड़ का नुकसान हो सकता है। बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर गांगुली का कार्यकाल 10 महीने का होगा क्योंकि उन्हें सितंबर 2020 के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना होगा। इसके बाद वह राजनीति का रास्ता भी पकड़ सकते हैं।
47 वर्षीय गांगुली फिलहाल कॉमेंट्री भी करते हैं और कमर्शियल विज्ञापनों से भी जुड़े हैं। इसी के चलते उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से काफी बड़ी रकम का नुकसान होगा। क्योंकि पद पर रहते हुए कहीं और से इनकम करने से हितों के टकराव का मामला आएगा। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया 2003 वर्ल्ड कप में उपविजेता रही थी। उन्हें बेहद आक्रामक कप्तान माना जाता था और वह अपने फैसलों पर अडिग रहते थे।
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