दो माह पूर्व मदनपुर थाना क्षेत्र के नकइल गांव की एक छात्रा का शव मिलने के मामले में आरोपी बनाए गए लोगों के पक्ष में पूरा गांव खड़ा हो गया है। आरोपियों को बेगुनाह बताते हुए घटना की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पूरे गांव के लोग पिछले तीन दिनों से गांव के मंदिर पर धरना दे रहे हैं। जिसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला का है मगर मृतका के परिजन से गांव के निर्दोष लोगों को फंसा रहे हैं। आरोपियों की पत्नियों ने कहा कि अगर निष्पक्ष जांच न हुई तो हम सब आत्मदाह कर लेंगे जिसकी जिम्मेदारी पुलिस की होगी।
दो महीने पहले की है घटना
21 अगस्त की देर शाम नकईल की 17 वर्षीय छात्रा रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गई थी। इसके बाद 23 अगस्त को गांव के बगल की एक पोखरी में उसका शव पाया गया। छात्रा के परिजनों गांव के ही चार युवकों अरविंद, अनूप, मोहन और सुनील एवं बगल के डाला गांव के एक प्राइवेट टीचर के खिलाफ तहरीर दी। तहरीर में इन सभी पर पुरानी रंजिश को लेकर छात्रा की हत्या करने का आरोप लगाया। ग्रामीण गांव के युवकों को निर्दोष बताते हुए जब उच्चाधिकारियों से मिले तो पुलिस ने जांच के बाद गिरफतारी की बात कहकर गांव के चारों लोगों को छोड़ दिया मगर टीचर को जेल भेज दिया।
दो दिन पहले फिर हुई गिरफ्तारी
दो दिन पूर्व पुलिस ने गांव के युवकों को दोबारा अरेस्ट किया तो ग्रामीण लामबंद हो गए। घटना की निष्पक्ष जांच को लेकर बुधवार से तमाम लोग धरने पर बैठ गए हैं। गांव के प्रधान कुंवर बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि पुलिस निर्दोष लोगों को फंसा रही है। इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक शिष्य पाल ने कहा, ‘मामले की विवेचना की जा रही है। लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जांच में जो सामने आएगा उसी अनुसार कार्रवाई होगी।’
Source: UttarPradesh