हापुड़ पुलिस कस्टडी में मौत: 10 साल का बेटा बोला, '8-10 पुलिसवाले पापा को पीट रहे थे, पेचकस से गोद रहे थे'

हापुड़
यूपी के हापुड़ में पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की नोटिस के बाद डीएसपी समेत 7 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। बता दें कि हापुड़ के पिलखुवा के पुलिस स्टेशन में सोमवार को पुलिस कस्टडी में पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री के चलते सिक्यॉरिटी गार्ड प्रदीप तोमर (35) की मौत हो गई थी।

एनएचआरसी ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजने के साथ ही मामले में चार हफ्तों में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। पुलिस के अनुसार, प्रदीप को एक हत्या मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा गया था। प्रदीप का 10 साल के बेटा भी पिता के साथ पुलिस चौकी बताया था जिसने दावा किया कि उसके पिता को पूछताछ के दौरान बुरी तरह टॉर्चर किया गया था।

‘दर्द से कराहते पापा को पानी देने से इनकार कर दिया’
बच्चे ने बताया, ‘कम से कम 8 से 10 पुलिसवाले मेरे पिता को लगातार पीट रहे थे। वे उन्हें पेचकस से गोद रहे थे। इस दौरान पुलिसवाले शराब भी पी रहे थे और दर्द से कराहते मेरे पिता को पानी देने से इनकार कर रहे थे।’ प्रदीप की हालत बिगड़ने पर पुलिसकर्मी उन्हें हापुड़ के लोकल अस्पताल में ले गए और इसके बाद मेरठ के अस्पताल में रिफर किया जहां यातनाओं के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में टॉर्चर की पुष्टि
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी थर्ड डिग्री टॉर्चर की पुष्टि हुई है। हापुड़ के एसपी यशवीर सिंह का कहना है, ‘रिपोर्ट में हत्या की वजह स्पष्ट नहीं है। आगे की जांच के लिए विसरा सैंपल ले लिया गया है। मृतक के कूल्हे और बांहे काली पड़ गई थीं जबकि पूरे शरीर में नीले निशान थे।’

प्रियंका ने बताया मामले को शर्मनाक
मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने एक मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘हापुड़ में एक किसान के बेटे को पुलिस ने टॉर्चर किया और उसकी जान चली गई। उसके बेटे को पुलिस ने चिप्स का लालच देकर चुप रहने को कहा। शर्मनाक है ये। बीजेपी सरकार अपराध रोक पाने में तो पूरी तरह नाकाम है, लेकिन पुलिस ज्यादती की घटनाएं हर रोज आ रही हैं।’

एनएचआरसी ने कहा- इलेक्ट्रिक शॉक दिए गए, पेचकस से गोदा गया
यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को जारी नोटिस में एनएचआरसी ने कहा है, ‘उसे कथित रूप से लात-घूंसों से, लकड़ी के लट्ठे से मारा गया, इलेक्ट्रिक शॉक दिए गए और पेचकस से गोदा गया। पीड़ित के शव के कथित विडियो में उसके शरीर के पीछे के हिस्से में और बाएं हाथ में चोट के गहरे निशान हैं जबकि पूरे शरीर में ढेरों घाव हैं।’

तीन को किया सस्पेंड, डीएसपी हुए ट्रांसफर
मृतक के छोटे भाई कुलदीप तोमर ने डीएसपी संतोष मिश्रा, पिलखुवा एसएचओ योगेश बलियान, सब इंस्पेक्टर अजब सिंह और चार अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भाई की हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। एसएचओ बलियान, एसआई सिंह और एक कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। डीएसपी को सिर्फ ट्रांसफर कर गढ़मुक्तेश्वर सर्कल का इनचार्ज बना दिया गया है।

हत्या के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था
हापुड़ पुलिस के मुताबिक, प्रदीप गाजियाबाद में एक प्राइवेट फैक्ट्री में सिक्यॉरिटी गार्ड के रूप में काम करते थे। उन्हें एक मर्डर केस में आरोपियों के संपर्क में रहने के संदेह में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हापुड़ एएसपी सर्वेश मिश्रा ने बताया, ’30 अगस्त को एक महिला की जली हुई लाश मिली थी। महिला की पहचान प्रीति के रूप में हुई जो नोएडा में रहती थी और प्रदीप की रिश्तेदार थी। प्रीति को कथित रूप से अरुण ने मारा जो प्रदीप का रिश्तेदार था। प्रदीप प्रत्यक्ष रूप से मर्डर में शामिल नहीं था लेकिन साजिश का हिस्सा हो सकता है।’ उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित के परिवार ने उन्हें कोई लिखित शिकायत नहीं दी थी इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं हुई।

टाइम्स ऑफ इंडिया के इनपुट के साथ

Source: UttarPradesh

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