पूर्व भारतीय कप्तान इडुल्जी और रंगास्वामी ने इसके एक दिन बाद राष्ट्रीय महिला टीम के साथ इस तरह के रवैये की आलोचना की। बीसीसीआई संविधान के अनुसार चयनकर्ता ही पुरुष और महिला राष्ट्रीय टीम के सहयोगी स्टाफ की नियुक्त करते हैं। हाल में पुरुष टीम के सपॉर्ट स्टाफ की नियुक्ति के लिए इस प्रक्रिया का पालन किया गया था।
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इडुल्जी ने कहा, ‘मुझे शांता से भी ईमेल मिला है जिन्हें बीसीसीआई की शीर्ष परिषद का सदस्य नामित किया गया है। इसे आपको और चयनकर्ताओं को भी भेजा गया है जिसमें उन्होंने बताया है कि ये चीजें जानबूझकर की गईं ताकि शीर्ष पर बैठे लोग अपने व्यक्तियों को गलत तरीके से इन पदों पर बिठा लें। यह बहुत ही गंभीर आरोप है।’
उन्होंने लिखा, ‘यह राष्ट्रीय भारतीय टीम है जो यात्रा कर रही है और उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। मुझे हैरानी है कि क्या आप पुरुष टीम के साथ भी ऐसा ही करोगे?’ इस पूरे विवाद का केंद्र सबा करीम हैं, जिनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘यह ईमेल सीईओ को लिखा गया है तो बेहतर यही होगा कि उनसे बात करो।’
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63 वर्षीया इडुल्जी ने पत्र में लिखा, ‘महिला चयनकर्ताओं द्वारा आपको लिखे गए ईमेल में लिखी बातें पढ़कर हैरान हूं कि विडियो विश्लेषक के चयन के लिए गलत प्रक्रिया का पालन किया गया।’ उन्होंने लिखा, ‘यह और भी चिंता की बात है कि पुष्कर सावंत वेस्ट इंडीज के लिए फ्लाइट भी बुक करा चुके है जिन्हें सबा करीम और एनसीए इस पद पर चाहते थे। यह पूरी प्रक्रिया ही आंखों में धूल झोंकने वाली लगती है।’
सिलेक्टरों ने दावा किया है कि उन्हें महिला टीम के गेंदबाजी और फील्डिंग कोच की नियुक्ति के लिए भी विश्वास में नहीं लिया गया था। उन्हें सिर्फ विडियो विश्लेषक की भूमिका के लिए इंटरव्यू कराने को कहा गया जिसके लिए प्रक्रिया शुक्रवार को समाप्त हुई। इडुल्जी और रंगास्वामी ने दावा किया कि विडियो विश्लेषक की भूमिका के लिए भी नियमों का उल्लघंन किया गया, हालांकि इस मामले में आवेदन मंगाये गए थे जबकि गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षक कोच के मामले में ऐसा नहीं था। एनसीए के गेंदबाजी कोच नरेंद्र हीरवानी और टी दिलीप टीम के साथ क्रमश: गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच के रूप में वेस्ट इंडीज जाएंगे।
Source: Sports