मेरठ के शताब्दी नगर में 620 एकड़ जमीन पर प्रशासन के की नई नीति के तहत मुआवजा नहीं दिए जाने के खिलाफ किसानों का जारी रहा। भारतीय यूनियन नेता विजयपाल घोपला चौथे दिन सोमवार को भी आमरण अनशन पर रहे। उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ गई है। रविवार को उग्र होकर पानी की टंकी पर चढ़े किसान सोमवार को भी नहीं उतरे।
सोमवार को किसानों ने निर्णायक आंदोलन चलाने और जाम लगाने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद अपर नगर मैजिस्ट्रेट सिविल लाइन चन्द्रेश कुमार सिंह, सीओ ब्रहमपुरी और इंस्पेक्टर परतापुर आदि आंदोलन स्थल पर किसानों से बात करने पहुंचे। किसान नेता संजय दोरालिया ने बताया कि चार दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता विजयपाल सिंह घोपला के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है, जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने उनका चेकअप किया।
किसानों और अधिकारियों में काफी देर बात हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अधिकारियों ने किसानों से दो दिन का समय मांगा और आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया लेकिन किसान नहीं माने। अनशन पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के नेता विजयपाल घोपला का कहना है कि शासन-प्रशासन किसान विरोधी नीति अपना रहा है। किसान अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा कोर्ट के निर्देश के अनुसार नई नीति के तहत मांग रहा है। सरकार और अफसर ऐसा नहीं कर कोर्ट की अवहेलना कर रहे हैं। इससे किसान नाराज हैं।
गौरतलब है कि प्रशासन की तरफ से रविवार को ही साफ कर दिया गया था कि नई नीति के मुताबिक किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा दिया जाना मुमकिन नहीं है, क्योंकि वह पहले ही मुआवजा ले चुके हैं।
Source: UttarPradesh