खिलाड़ियों के बॉयकट करने से नैशनल क्रिकेट लीग, भारत सीरीज के लिए जारी ट्रेनिंग कैम्प और इंटरनैशनल टीम का भारत दौरा खटाई में पड़ता दिख रहा है। क्रिकेटरों के विरोध की शुरुआत पिछले महीने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के उस फैसले से हुई, जिसमें बांग्लादेश प्रीमियर लीग के फ्रैंचाइजी आधारित मॉडल को समाप्त कर दिया गया था।
प्लेयर्स की 11 मांगे
खिलाड़ियों ने अपनी मांगों की लिस्ट बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को थमा दी है, जिसमें कुल 11 मांग की गई है। इसमें फ्रैंचाइजी मॉडल को फिर से लाने की मांग भी शामिल है। क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, खिलाड़ी इसलिए बोर्ड के फ्रैंचाइजी आधारित मॉडल के समाप्त करने के विरोध में आ गए थे, क्योंकि इससे उनकी कमाई पर असर पड़ा था।
इस वजह से भी बढ़ी नाराजगी
खिलाड़ियों की नाराजगी उस समय और बढ़ गई जब बोर्ड ने इस महीने शुरू हुए फर्स्ट क्लास प्रतियोगिता की मैच फीस में भी इजाफा नहीं किया। प्रफेशनल खिलाड़ी बीते एक महीने से भी अधिक समय से इस बारे में आवाज उठा रहे हैं।
क्रिकेटरों को कप्तान शाकिब का सपॉर्ट
कप्तान शाकिब अल हसन ने भी बोर्ड के इस रवैये से नाराजगी जताई थी। हसन ने हालिया इंटरव्यू में कहा था कि खिलाड़ियों को दबाया जा रहा है और उनके साथ बेहतर व्यवहार होना चाहिए। शाकिब की इस बात को खिलाड़ियों का काफी समर्थन मिला था। हालांकि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने इस आलोचना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
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