2003 WC फाइनल में टूटी उंगली के साथ खेलेसाल 2003 का वर्ल्ड कप फाइनल हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी को याद होगा, जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सौरभ गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को 125 रन से खिताबी हार झेलनी पड़ी। रिकी पॉन्टिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने जोहानिसबर्ग में 2 विकेट पर 359 रन बनाए और भारत को 234 रन पर ऑलआउट कर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। इस मैच में मार्टिन ने नाबाद 88 रन बनाए थे और मैन ऑफ द मैच पॉन्टिंग (140) के साथ तीसरे विकेट के लिए 234 रन की नाबाद साझेदारी भी की। इस मैच के दौरान उनकी अंगुली में चोट थी, लेकिन उनके खेल के जज्बे ने सभी को हैरान कर दिया।
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7 साल टीम से रहे बाहरसाल 1993-94 में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई। 26 से 30 दिसंबर 1993 तक खेला गया सीरीज का पहला टेस्ट मैच ड्रॉ रहा। सिडनी में 2 जनवरी 1994 से शुरू हुए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को मिली 5 रन से करीबी हार का जिम्मा मार्टिन के सिर रहा और उन्हें 7 साल तक टीम में मौका नहीं मिला। उन्हें फिर न्यू जीलैंड के खिलाफ मार्च 2000 में अगला टेस्ट मैच खेलने का मौका दिया गया जिसके बाद एडिलेड में उन्होंने 2006 में करियर का आखिरी टेस्ट मैच एशेज में खेला।
वो 13 महीनेमार्च 2004 के बाद से मार्टिन का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला। उन्होंने मार्च 2004 के बाद से 13 महीने में 1608 टेस्ट रन बनाए जिसमें उनका ऐवरेज 61 का रहा। वहीं, 2 बार मैन ऑफ द सीरीज जीते। इंग्लैंड में 2005 में उन्होंने सीरीज में 178 रन बनाए और एशेज की हार के लिए उन्हें जिम्मेदार माना गया। साल 2006 में फिर चैंपियंस ट्रोफी में दमदार खेल दिखाया लेकिन 2006-07 में एशेज सीरीज के शुरुआती दो मैचों में जूझने के बाद संन्यास का फैसला कर लिया।
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ऐसा रहा करियर
डैमियन मार्टिन ने अपने करियर में कुल 67 टेस्ट मैच खेले जिनकी 109 पारियों में कुल 4406 रन बनाए। वनडे इंटरनैशनल में 208 मैच खेलने वाले मार्टिन ने इस फॉर्मेट में कुल 5346 रन बनाए जिनमें 5 शतक और 37 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने करियर में 4 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले और कुल 120 रन बनाए जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 96 रन रहा।
Source: Sports