यूपी-हरियाणा बॉर्डर के खेतों में गन्ना बोने वाले किसानों की बढ़ सकती है मुश्किल

बागपत
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में कई गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य के बकाए का भुगतान अबतक नहीं हुआ है। इसी कारण से वे आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। इस मुश्किल परिस्थिति में अब द्वारा भी भी बागपत जिले के लगभग एक दर्जन गांवों के गन्ना उत्पादक किसानों पर बिजली गिराने की तैयारी चल रही है।

जिले में यमुना किनारे बसे मऊ काठा, पाली, सिसाना, गौरीपुर, निनाना, खेड़ा, हटाना, कोताना, जागस, ककोर, टांडा आदि लगभग एक दर्जन गांव के किसानों की जमीन 1974 के दीक्षित अवॉर्ड के आधार पर यमुनापार होने से हरियाणा राज्य में आती है। राजस्व रेकॉर्ड सब हरियाणा सरकार बनाती है। यहां के किसान जान जोखिम में डालकर परिजन, मजदूर और पशुओं सहित वहां जाकर करते हैं।

छले दिनों हुए गन्ना सप्लाइ ब्रैंड बनाने में गड़बड़ी की शिकायत करने पर विभाग ने दूसरे राज्य का गन्ना न लेने के नाम पर यहां के किसानों द्वारा यमुनापार अपनी जमीन में पैदा करने वाले गन्ने को भी न लेने का नियम लागू करने की तैयारी करनी शुरू कर दी है। इस नियम के लागू होने के बाद इन किसानों को यमुनापार अपनी जमीन में पैदा किया गन्ना औने-पौने दामपर बेचने की मजबूरी हो जाएगी। पीड़ित किसानों ने लखनऊ जाकर गुहार लगाने की मंशा जताई है।

Source: UttarPradesh

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