भारत ने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर मंगलवार को यहां साउथ अफ्रीका को तीसरे और अंतिम टेस्ट में पारी और 202 रन से हराकर सीरीज में 3-0 से क्लीनस्वीप किया। भारत को इस जीत से 40 अंक मिले और उसने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अपने सभी पांचों मैच जीतकर 240 अंक के साथ शीर्ष पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। विराट कोहली की अगुआई में भारत ने 11वीं टेस्ट सीरीज जीती है। भारतीय टीम ने साथ ही पहली बार किसी टेस्ट सीरीज में साउथ अफ्रीका का क्लीनस्वीप किया है। भारत ने घरेलू सरजमीं पर लगातार 11वीं सीरीज जीती।
भारत ने सोमवार तीसरे दिन ही साउथ अफ्रीका को फालोऑन के लिए मजबूर करते हुए दूसरी पारी में उसका स्कोर आठ विकेट पर 132 रन कर दिया था। मेजबान टीम ने आज सिर्फ दो ओवर में ही जीत की औपचारिकता पूरी करते हुए साउथ अफ्रीका को 48 ओवर में 133 रन पर समेट दिया। भारत ने पहली पारी नौ विकेट पर 497 रन बनाने के बाद घोषित की थी जिसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम पहली पारी में 162 रन ही बना सकी थी। सीरीज और मैच का नतीजा भारत के दबदबे को दर्शाता है जबकि साउथ अफ्रीका की टीम के गिरते स्तर की ओर भी इशारा करता है जो भारत की मजबूत बल्लेबाजी और गेंदबाजी को कोई टक्कर नहीं दे पाई।
पदार्पण कर रहे बायें हाथ के स्पिनर (18 रन पर दो विकेट) ने सुबह के दूसरे ओवर की अंतिम दो गेंदों पर थ्यूनिस डि ब्रून (30) और लुंगी एनगिडी (00) को पवेलियन भेजकर भारत की जीत की औपचारिकता पूरी की। डि ब्रून ने नदीम की नीची रहती गेंद पर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को कैच थमाया जबकि एनगिडी ने अगली गेंद पर सीधा शॉट खेला लेकिन गेंद दूसरे छोर पर खड़े साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज एनरिक नॉर्त्जे (05) के हाथ से टकराकर नदीम के हाथों में पहुंच गई। भारत की ओर से मोहम्मद शमी ने 10 रन देकर तीन विकेट जबकि उमेश यादव ने 35 रन देकर दो विकेट चटकाए। रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन को एक-एक विकेट मिला। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने स्वदेश में छठी बार क्लीनस्वीप किया है।
भारत ने पहला टेस्ट 203 रन से और दूसरा पारी और 137 रन से जीता था। इस सीरीज से सलामी बल्लेबाज की भूमिका की शुरुआत करने वाले रोहित शर्मा ने तीन टेस्ट में 529 रन जोड़े। मयंक अग्रवाल ने भी एक दोहरा शतक और एक शतक जड़ा जिससे भारत की सलामी जोड़ी की समस्या फिलहाल हल होती नजर आ रही है।
सीरीज के दौरान भारत के तेज गेंदबाजों ने जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया। स्ट्रेस फ्रेक्चर के कारण बुमराह इस सीरीज में नहीं खेल पाए। रविचंद्रन अश्विन (15 विकेट), रविंद्र जडेजा (13 विकेट) और शाहबाज नदीम (एक मैच में चार विकेट) की स्पिन तिकड़ी ने सीरीज में 32 विकेट चटकाए जबकि मोहम्मद शमी (13 विकेट), उमेश यादव (दो टेस्ट में 11 विकेट) और इशांत शर्मा (दो टेस्ट में दो विकेट) की तेज गेंदबाजी तिकड़ी ने 26 विकेट हासिल किए।
शमी ने मैच के बाद कहा, ‘हम अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए हमेशा तैयार हैं। एक कप्तान के रूप में विराट आपको आत्मविश्वास देता है, आप वह कीजिए जो करना चाहते हैं। हम गेंद को सही लाइन और लेंथ के साथ करने का प्रयास करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘फिटनेस काफी मायने रखती है, टीम का माहौल ऐसा है कि हम फिटनेस पर काफी ध्यान देते हैं। भारतीय टीम एक ऐसी इकाई बन गई है जो एक दूसरे की सफलता का लुत्फ उठाती है और इससे हमारा मनोबल बढ़ता है। तेज गेंदबाजों के रूप में हम एक पायदान आगे बढ़े हैं।’
साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज पूरी सीरीज के दौरान भारतीय गेंदबाजों के सामने बेबस नजर आए। टीम के बल्लेबाज छह पारियों में दो शतक और पांच अर्धशतक ही जड़ पाए और साउथ अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने स्वीकार किया कि 2015 की पूरी तरह से स्पिन की अनुकूल पिचों के विपरीत इस बार उनकी टीम को बेहतर पिचों पर एकतरफा हार का सामना करना पड़ा। डु प्लेसिस ने कहा, ‘उन्होंने हमें कोई मौका नहीं दिया और प्रत्येक विभाग में वे हमसे बेहतर थे- स्पिन गेंदबाजी, तेज गेंदबाजी, बल्लेबाजी और यहां तक कि क्षेत्ररक्षण में भी। उन्हें हराना काफी मुश्किल हो गया है।’ भारतीय कप्तान विराट कोहली भी अपने साउथ अफ्रीकी समकक्ष से सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘आप लोगों ने देखा कि हम कैसा खेल रहे हैं। मदद नहीं करने वाली पिचों पर अच्छा प्रदर्शन करने का हमें बहुत गर्व है।’
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