कश्मीरी पंडितों के एक विदेशी संगठन ने जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित राज्य बनाने के बाद वहां कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कराने की भारत सरकार से मंगलवार को अपील की। कश्मीरी ओवरसीज असोसिएशन (केओए) ने कहा, ‘संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए पर सरकार का हालिया निर्णय हमारे अस्तित्व पर सीधा असर डालता है। 3 दशक पहले बलपूर्वक निष्कासन के बाद पहली बार उम्मीद की नई किरण ने हमारे समुदाय को ऊर्जा दी है।’
विस्थापित पंडितों ने साझा किया अपना दर्द
समुदाय के लोग अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए सप्ताहांत में वॉशिंगटन डीसी के मैरिलैंड में एकत्रित हुए थे। उन्होंने कहा कि इस नए कदम ने पीड़ा और नुकसान की भूली बिसरी यादों को ताजा कर दिया है। केओए के अध्यक्ष शकुन मलिक ने एक बयान में कहा, ‘हम सभी के पास खोए हुए बचपन, घरों के छूटने और मित्रों से बिछड़ने, धोखेबाजी और हमें नकारने की, हमें विस्थापित करने की अपनी-अपनी कहानियां हैं।’
पंडितों ने कश्मीर में शांति स्थापित करने की मांग की
संगठन ने एक प्रस्ताव पारित करके भारत सरकार से अपील की कि वह जम्मू-कश्मीर में सशक्तीकरण, सतत विकास और पूर्ण सुरक्षा का वातावरण स्थापित करे। प्रस्ताव में केंद्र से उन कार्यक्रमों और सेवाओं को विकसित करने की अपील की गई जो नए स्थापित जम्मू और कश्मीर राज्य में कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए सुरक्षा, नौकरी, व्यापार के अवसर, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा एवं सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन प्रदान करें। इसमें कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की भी मांग की गई है।
Source: International